बेल का आखिरी पत्ता किसने बनाया था तथा इसके बारे में कैसे पता चला?
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बेल का आखिरी पत्ता चित्रकार बहरमन ने बनाया था।
बहरमन एर 60 वर्षीय एक बूढ़ा चित्रकार था, जो ‘आखिरी पत्ता’ कहानी के अन्य दो मुख्य पात्रों सू और और जानसी की बिल्डिंग में ही रहता था। जब निमोनिया होने के कारण जानसी बेहद बीमार पड़ गई तो उसका मनोबल टूट गया और वह अपने मरने की बातें करने लगी। तब डॉक्टर ने उसकी सू दोस्त को बताया कि यदि जानसी का मनोबल बढ़ जाए तो वह बच सकती है नहीं तो उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं।
जानसी अपनी खिड़की से बाहर अंगूर की बेल के पत्तों को देख कर बोलती कि जैसे की बेल का आखिरी पत्ता टूट कर गिर जाएगा उसकी मृत्यु हो जाएगी। तब सू ने यह बात बहरमन को बताई। जब बेल का आखिरी पत्ता एक रात सचमुच टूट कर गिर गया तो जानसी का मनोबल न गिर जाये इसलिये बहरमन ने चुपचाप उसी रात बिल्कुल असली जैसा दिखने वाला पत्ता अपनी कमाल की चित्रकारी द्वारा बना दिया। वो आखिरी पत्ता जानसी को अपने कमरे की खिड़की से असली पत्ता जैसा ही दिखता था और वो पत्ता टूट कर भी नहीं गिरा। इस बात से जानसी का मनोबल बढ़ता गया और वो जल्दी ही ठीक हो गयी, लेकिन रात भर बारिश में भीगकर वो पत्ता बनाने के कारण बहरमन को निमोनिया हो गया और वो शीघ्र ही मर गया।
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Explanation:
bail ka akhiri patta chitra ka ne banaya