ब्लैक डेथ पर निबंध लिखीए।
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सन् 1347 में एक महामारी ने पूर्वी एशिया को पूरी तरह तबाह कर दिया था पर उसके बाद वह यूरोप की पूर्वी सीमा पर भी तबाही मचाने लगी थी।
क्रिमीया प्रायद्वीप का काफा जो आज फीडोसिया कहलाता है, जेनोवा के लोगों का व्यापार का एक बड़ा केन्द्र था। मंगोल लोग, इस बड़े व्यापार केन्द्र पर कब्ज़ा करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस शहर पर धावा बोल दिया। लेकिन उनकी फौज में प्लेग फैल गया और उन्हें भागने पर मजबूर होना पड़ा। मगर जाते-जाते उन्होंने जो हमला किया उसने पूरे यूरोप में मौत का एक तांडव शुरू कर दिया। उन्होंने प्लेग से मरे अपने सैनिकों की ताज़ा लाशों को काफा शहर की चार-दीवारी में फेंक दिया। अब शहर के अंदर बुरी तरह प्लेग फैलने लगा और जेनोवा के सैनिक अपनी जान बचाने के लिए शहर छोड़कर अपनी-अपनी नौकाओं में भाग निकले। मगर वे जिन-जिन बंदरगाहों से गुज़रे, वहाँ प्लेग फैलाते गए।
14वीं शताब्दी में, यूरोप में जो ब्लैक डेथ नामक बीमारी फैली थी उससे लेकर 20वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में स्पेनिश इंफ्लुएंजा तथा महामारी की हाल की श्रृंखला, चाहे मलेरिया हो, एस ए आर एस, एविएन फ्लू, स्वाइन फ्लू या इबोला हो, पिछली शताब्दियों में मानव समाज संक्रामक बीमारियों के विरूद्ध निरंतर संघर्ष कर रहा है।