बालिका शिक्षा को लेकर माँ और बेटी के बिच संवाद
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भारतीय समाज में छोटी बच्चियों के खिलाफ भेदभाव और लैंगिक असमानता की ओर ध्यान दिलाने के लिये बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नाम से प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक सरकारी सामाजिक योजना की शुरुआत की गयी है। हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015, बुधवार को प्रधानमंत्री के द्वारा इस योजना की शुरुआत हुयी। ये योजना समाज में लड़कियों के महत्व के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये है। कन्या भ्रूण हत्या को पूरी तरह समाप्त करने के द्वारा लड़कियों के जीवन को बचाने के लिये आम लोगों के बीच ये जागरुकता बढ़ाने का कार्य करेगी तथा इसमें एक लड़के की भाँति ही एक लड़की के जन्म पर खुशी मनाने और उसे पूरी जिम्मेदारी से शिक्षित करने के लिये कहा गया है।
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बालिका शिक्षा को लेकर माँ और बेटी के बीच संवाद
माँ: क्या हुआ स्कूल से आ के चुप क्न्यु हो.
बेटी: माँ आज स्कूल काफ़ी लड़ाई हुई.
माँ: क्या हुआ स्कूल में?
बेटी: माँ एक बात बताओ , क्या बालिका को शिक्षा का हक नहीं है?
माँ: बिलकुल हक़ है किसने कहा ऐसे.
बेटी: माँ आज रितु के पिता जी आए थे स्कूल उसे ले गए कहने लगे बलिकान्यो को शिक्षा का हक नहीं है.
माँ: ये बहुत गलत हुआ, शिक्षा पे सबका हक़ है, कोन क दुनिया में जी रहे उसके पिता जी.
बेटी: सबने उन्हें समझाया पर उन्होंने किसी की नहीं सुनी.
माँ: हाँ, कई लोग होते ऐसे , जो पुरानी सोच रखते है.
बेटी: माँ ये तो कितना गलत है.
माँ: वहाँ पे लकड़ियों को घर के काम करवाते है और जल्दी शादी करवा देते है.
बेटी: उन लोगों को समझना चाहिए, शिक्षा सब के लिए जरूरी फिर चाहे बालक हो या बालिका.
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