History, asked by Rihanashah, 1 month ago

बाल्कन प्रदेशों में राष्ट्रवादी तनाव क्यों पनपा?​

Answers

Answered by ShiningBlossom
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बाल्कन में तनाव के उभरने का एक मुख्य कारण था कि लोग राष्ट्रवाद के पशधर थे। 19वीं शताब्दी के दौरान, आल्कन का बड़ा हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था। उन्होंने राज्य के आंतरिक पिछड़ेपन में परिवर्तन करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए।

$\longrightarrow$ जातीय भिन्नता: 1871ई के बाद बालकन यूरोप में राष्ट्रवादी सनाव का स्रोत था। इस क्षेत्र में भौगोलिक और जातीय भिन्नता थी। इसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बेनिया, यूनान, मैसिडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया, स्लोवेनिया, सर्बिया और माण्टिनियो शामिल थे। क्षेत्र के निवासियों को प्रायः स्लाव पुकारा जाता था।

$\longrightarrow$ ऑटोमन साम्राज्य का विखराव: बाल्कन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के अधीन था। बाल्कन क्षेत्र में रूमानी राष्ट्रवाद के विचारों के फैलने और ऑटोमन साम्राज्य के विघटन से स्थिति काफी बिगड़ गई थी। उन्नीसवीं सदी में ऑटोमन साम्राज्य में आधुनिकीकरण और आंतरिक सुधारों के द्वारा मजबूत बनना चाहा था परंतु बहुत कम सफलता मिली। एक के बाद एक उसके अधीन यूरोपीय राष्ट्र उसके चंगुल से निकलकर स्वतन्त्र होने लगे।

$\longrightarrow$ अधिग्रहण: बाल्कन लोगों ने इतिहास का प्रयोग यह सिद्ध करने के लिए किया कि वे कभी स्वतंत्र थे। किंतु इसके पश्चात् विदेशी शक्तियों ने उन्हें अधीन कर लिया। अतः बाल्कन क्षेत्र के विद्रोही राष्ट्रीय समूहों ने अपनी खोई हुई आजादी को वापिस प्राप्त करने के लिए लंबे संघर्ष किए।

$\longrightarrow$ आपसी ईर्ष्याः ज्यों-ज्यों विभिन्न स्लाव राष्ट्रीय समूहों ने अपनी पहचान और स्वतंत्रता की परिभाषा तय करने की कोशिश की बाल्कन क्षेत्र टकराव का क्षेत्र बन गया। बाल्कन राज्य एक-दूसरे से भारी ईर्ष्या करते थे और प्रत्येक राज्य अपने लिए अधिक से अधिक क्षेत्र हथियाना चाहता था।

$\longrightarrow$ बड़ी शक्तियों में प्रतिस्पर्धा: बाल्कन क्षेत्र में बड़ी शक्तियों में प्रतिस्पर्धा होने के कारण परिस्थितियाँ और जटिल हो गई। इस समय यूरोपीय शक्तियों के बीच व्यापार तथा उपनिवेशों के साथ नौसैनिक और सैन्य शक्ति के लिए अधिक प्रतिस्पर्धा थी। जिस तरह बाल्कन समस्या आगे बढ़ी, यह प्रतिस्पर्धा खुलकर सामने आई, रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी की हर ताकत बाल्कन पर अन्य शक्तियों की पकड़ को कमजोर करके क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहती थी। इसलिए इस इलाके में कई युद्ध हुए और अंततः प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ गया।

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Answered by Anonymous
3

Answer:

19वीं सदी के अंत में राष्ट्रीयवाद तनाव बाल्कन प्रदेशों में पनपा। इसमें आधुनिक रोमानिया, बलगेरिया, बोस्त्रिया हर्जेगोबिना, सर्बिया, स्लोवेनिया क्रोएशिया, मेसिडोनिया आदि शामिल है। इन क्षेत्रों में राष्ट्रीयवाद तनाव निम्नलिखित कारणों से पनपा:

(i) इन क्षेत्रों में राष्ट्रीयवाद तनावों के पनपने का मुख्य कारण रूमानी राष्ट्रीयवाद का उदय था। इन क्षेत्रों में भौगोलिक, जातीय और सांस्कृतिक विभिन्नताएँ थी जिससे प्रत्येक क्षेत्र अपने आप को श्रेष्ठ समझने लगा और अन्यो को निम्न

(ii) उन्नीसवीं सदी में ऑटोमन साम्राज्य ने आधुनिकीकरण और आंतरिक सुधारों के द्वारा मज़बूत बनना चाहता था, किन्तु इसमें इसे बहुत कम कामयाबी मिली। एक के बाद एक उसने अधीन यूरोपीय राष्ट्रीयताएँ उसके शिकंजे से निकलकर स्वतंत्रता की घोषणा करने लगीं।

(iii) अलग-अलग देशो द्वारा विभिन्न स्लावा राष्ट्रीय समूहों ने स्वतंत्र होने की कोशिश की बाल्कन क्षेत्र में गहरा टकराव होने लगा। राज्य में सभी एक दूसरे के प्रति ईष्या का भाव रखने लगे। हर एक राज्य अपने लिए अधिक से अधिक इलाका ईकट्ठा करने लगा। वही बाल्कन क्षेत्रों को हथियाने के लिए बड़ी शक्तियों में भी होड़ लग गई। इसके परिणामस्वरूप अनेक युद्ध हुए। आखिरकार प्रथम विश्व युद्ध हुआ।

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