Hindi, asked by madhurisinghmadhu50, 7 months ago

. 'बाल - लीला'का केंद्रीय भाव लिखिए

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Answered by harshrajrealmec3
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चन्द्रमणडीह थाना क्षेत्र के कोराने गांव में विनोद पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय के आवास पर आयोजित कार्तीक उद्यापन सह श्रीमद भागवत कथा के अति मार्मिक प्रसंग लीला धर के बाल रूप का पांचवें दिन कथा सुनाई गई।

कथा सुनकर भक्तो मे भक्ति की रसधार बहने लगी।भागवत कथा मे पंडित स्नेही जी महराज ने श्रीकृष्ण जी के जन्म एवं वाल लीलाओं के एक से एक प्रसंग सुनाये।आयोजित भागवत कथा में श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं पर कलाकारों द्वारा आधारित प्रस्तुत झांकी प्रस्तुत करते हुए कथा वाचक स्नेही जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्येक रूप मनोहारी है।उनका बालस्वरूप तो इतना मनमोहक है कि वह बचपन का एक आदर्श बन गया है। इसीलिए जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के इसी रूप की पूजा—अर्चना की जाती है,जिसमें वे चुराकर माखन खाते हैं, गोपियों की मटकी तोड़ते हैं और खेल—खेल में असुरों का सफाया भी कर देते हैं।इसी प्रकार उनकी रासलीला, गोपियों के प्रति

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