बाल मजदूरी अपराध है इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए
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बाल मजदूरी एक वैशविक समस्या है जो विकासशील देशों में बेहद आम है। माता-पिता या गरीबी रेखा से नीचे के लोग अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर पाते है और जीवन-यापन के लिये भी जरुरी पैसा भी नहीं कमा पाते है। इसी वजह से वो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाए कठिन श्रम में शामिल कर लेते है। वो मानते है कि बच्चों को स्कूल भेजना समय की बरबादी है और कम उम्र में पैसा कमाना परिवार के लिये अच्छा होता है। बाल मजदूरी के बुरे प्रभावों से गरीब के साथ-साथ अमीर लोगों को भी तुरंत अवगत कराने की जरुरत है। उन्हें हर तरह की संसाधनों की उपलब्ता करानी चाहिये जिसकी उन्हें कमी है। अमीरों को गरीबों की मदद करनी चाहिए जिससे उनके बच्चे सभी जरुरी चीजें अपने बचपन में पा सके। इसको जड़ से मिटाने के लिये सरकार को कड़े नियम-कानून बनाने चाहिए।
बाल मजदूरी अपराध है। (विचार प्रकट)
बाल मजदूरी अपराध है, इस विषय में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। बच्चों का काम खेलना-कूदना और शिक्षा हासिल करना है, ना कि मजदूरी जैसे कार्य करना।
मजदूरी करने की एक आयु होती है, जो कि वयस्क व्यक्ति की होती है। बच्चों का तन और मन दोनों कोमल होते हैं, ऐसे में उन्हें मजदूरी जैसे कठिन श्रम साध्य कार्य में लगा देना मानवता की दृष्टि से जरा भी उचित नहीं है।
बच्चे हमारे देश का भविष्य होते हैं। उन्हें पहले शिक्षित होकर अच्छा नागरिक बनने के लिए तैयार करना चाहिए ताकि वह अपने जीवन में कुछ योग्य बन सकें। बच्चों को छोटी आयु में ही बाल-मजदूरी में धकेल देना ना केवल उनके जीवन के साथ खिलवाड़ है बल्कि यह अपराध भी है।
बाल मजदूरी पर ऐसी अनेक घटनाएं सामने आई हैं, जहाँ पर बच्चों से जबरन उनकी क्षमता से अधिक काम कराया जाता है। उनका यौन शोषण किया जाता है। उनका शारीरिक मानसिक शोषण किया जाता है। चूँकि बच्चे अपना विरोध प्रकट नहीं कर पाते, इसलिए उन पर दबाव बनाया जाता है। बच्चों पर इसका बचपन से ही गलत प्रभाव पड़ता है और उनका शारीरिक और मानसिक विकास उस दृष्टि से नहीं हो पाता जैसा होना चाहिए। इससे बड़े होने पर वे या तो जीवन के क्षेत्र में पिछड़ जाते हैं या फिर किसी गलत रास्ते पर चले जाते हैं।
बच्चों का स्थान शिक्षा के मंदिर में है, श्रम स्थल पर नही, इसलिए बाल मजदूरी अपराध है।