Hindi, asked by rk8604227, 9 hours ago

बाल राम कथा के आधार पार दशरथ, राम, सीता, विश्वामित्र, भरत, जनक का चित्रण कीजिए​

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Answered by rdarajveer712
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राजा दशरथ और सुमित्रा दोनों एक दुसरे को भौंचक्का होकर दोनों को देख रहे थे, तब सुमित्रा ने इस राज पर से परदा उठाया और बताया कि वास्तव में कौशल्या तो ये है | कौशल्या ने भी आपबीती सुना दी अब ये दो से तीन हो गये और टापू पर किसी सहायता की आस में दिन गुजारने लगे| उधर लंका में देवताओं ने फ़िर कहा, रावण पागल हो गया है, दशरथ को कुछ नहीं हुआ वह अपनी दोनों पत्नियों के साथ टापू पर किसी सहायता के इन्तजार में है अब उनके घर भगवान राम का जन्म होगा | राम इस दैत्य रावण को मार देंगे और हम मुक्त हो जायेंगे, यही भविष्यवाणी है यही होना है| अबकी रावण क्रोधित हो उठा उसने एक महाशक्तिशाली दैत्य को तीनों की हत्या के लिये टापू पर भेजा और प्रमाण स्वरूप तीनों की आंखे निकालकर लाने की आज्ञा दी, महामायावी ये दैत्य जिस समय टापू पर पहुँचा उसका सामना सुमित्रा से हुआ क्योंकि ये मानव के रूप में था अतः सुमित्रा ने बेहद मासूमियत से इसे भैया के सम्बोधन से पुकारा और धर्म भाई बनाते हुये उसकी कलाई पर चीर बान्ध दिया | दैत्य के सामने धर्मसंकट उत्पन्न हो गया, अब अगर वह तीनों में किसी का वध करता तो उसे भारी दोष लगता और वैसे भी उसने सोचा कि रावण अकारण ही इन निर्दोषों को मारना चाहता है ये भला उसका क्या अहित कर सकते हैं| अतः उन्हें मारने का विचार त्यागकर उसने हिरन आदि जीवों की आंख रावण को दिखा दी और कहा कि उसने काम पूरा कर दिया|

इधर लगभग पाँचवे दिन एक नाविक उधर से गुजरा और उसे दशरथ ने ऊँचे स्वर में कहा हे नाविक मैं अयोध्या का राजा दशरथ हूँ और यहाँ एक आकस्मिक मुसीवत में फ़ंस गया हूँ यदि तुम किसी उचित थलीय स्थान पर हमें पहुँचा दोगे तो मैं तुम्हें बहुत सारा धन दूँगा |उसने व्यंग्य से कहा श्रीमान फ़िर से अपना परिचय तो देना दशरथ ने दिया उसने कहा  

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