बिलासपुर जेल में रहते हुए किस साहित्यकार ने कौन सी रचना की थी
Answers
Answer:
देश की आजादी के दरमियान बिलासपुर सेंट्रल जेल में कई महान विभूतियां, साहित्यकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं भारतीय आत्मा के नाम से मशहूर कवि पं. माखनलाल चतुर्वेदी। इतिहासकारों के अनुसार उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कविता पुष्प की अभिलाषा भी यहीं पर लिखी।
¿ बिलासपुर जेल में रहते हुए किस साहित्यकार ने कौन सी रचना की थी ?
➲ माखनलाल चतुर्वेदी : पुष्प की अभिलाषा
✎... बिलासपुर जेल में रहते हुए जिस साहित्यकार ने एक कविता की रचना की थी, उनका नाम माखनलाल चतुर्वेदी था।
‘माखनलाल चतुर्वेदी’ ने बिलासपुर की सेंट्रल जेल में रहते हुए ‘पुष्प की अभिलाषा’ नामक कविता की रचना की थी। 18 फरवरी 1922 को बैरक नंबर 9 में रहते हुए उन्होंने इस कविता की रचना की थी, जिसने एक पुष्प की अभिलाषा को प्रकट किया है, जो अपने जो देश के लिये युद्ध क्षेत्र में अपने प्राणों का बलिदान करने जा रहे वीर सैनिकों के प्रति अपना सम्मान प्रकट करता है। वह पुष्प जाता है कि उसे उन सैनिकों के मार्ग पर बिखेर दिया जाए जहाँ से वह वीर सैनिक गुजरने वाले हों।
कविता इस प्रकार है...
चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गुथा जाऊं,
चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊं,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊं,
चाह नहीं देवों के सिर पर चढूं भाग्य पर इठलाऊं,
मुझे तोड़ लेना बनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ पर जाएं वीर अनेक.
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○