बाल श्रम कारण और निवारण पर निबंध लिखिए
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Answer:
बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986- यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को 13 पेशा और 57 प्रक्रियाओं में, जिन्हें बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए अहितकर माना गया है, नियोजन को निषिद्ध बनाता है। इन पेशाओं और प्रक्रियाओं का उल्लेख कानून की अनुसूची में है।एक कली के फूल बनने से पहले ना तोड़ना उसे,
उसकी खूबसूरती खो जाएगी।
बचपने के संभालने से पहले इन्हें ना झंझोरना,
उनकी मासूमियत बेमानी बन जाएगी।
इनके बचपन में जो ना रंग भर सको ना सही,
पर इनके बचपन को छीनने का हक भी तुम्हें नहीं।।
प्रस्तावना
बाल श्रम हमारे देश और समाज के लिए बहुत ही गम्भीर विषय है। आज समय आ गया है कि हमें इस विषय पर बात करने के साथ-साथ अपनी नैतिक जिम्मेदारियाँ भी समझनी होगी। बाल मज़दूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना हमारे देश के लिए आज एक चुनौती बन चुका है क्योंकि बच्चों के माता-पिता ही बच्चों से कार्य करवाने लगे है। आज हमारे देश में किसी बच्चे को कठिन कार्य करते हुए देखना आम बात हो गई है।
बाल मज़दूरी को बड़े लोगों और माफियाओं ने व्यापार बना लिया है। जिसके कारण दिन-प्रतिदिन हमारे देश में बाल श्रम बढ़ता जा रहा है और बच्चों का बचपन खराब हो रहा है। इस से बच्चों का भविष्य तो खराब होता ही है, साथ में देश में गरीबी फैलती है और देश के विकास में बाधाएँ आती हैं।
बाल श्रम भारत के साथ-साथ सभी देशों में गैर कानूनी है। बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक कलंक बन चुका है। बाल मज़दूरी की समस्या समय के साथ-साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया, तो इससे पूरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है।
Explanation:
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बालश्रम बच्चों के द्वारा अपने बाल्यकाल में किया गया श्रम या काम है जिसके बदले उन्हें मजदूरी दी जाती है। बालश्रम भारत के साथ-साथ सभी देशों में गैर कानूनी है। बालश्रम एक कलंक होता है। बालश्रम एक अभिशाप है जिसने अपना जाल पूरे देश में बिछा दिया है कि प्रशासन की लाखों कोशिशों के बाद भी यह अपना प्रचंड रूप लेने में सफलता प्राप्त कर रहा है। बालश्रम हमारे समाज के लिए एक कलंक बन चुका है।
किसी भी बच्चे के बाल्यकाल के दौरान पैसों या अन्य किसी भी लोभ के बदले में करवाया गया किसी भी तरह के काम को बालश्रम कहा जाता है। इस प्रकार की मजदूरी पर अधिकतर पैसों या जरूरतों के बदले काम किया जाता है। बालश्रम पूर्ण रूप से गैर कानूनी है। इस प्रकार की मजदूरी को समाज में हर वर्ग द्वारा निंदित भी किया जाता है।
लेकिन इसका ज्यादातर अभ्यास हम समाज वाले ही करते हैं। जब कोई बच्चे को उसके बाल्यकाल से वंचित कर उन्हें मजबूरी में काम करने के लिए विवश करते हैं उसे बालश्रम कहते हैं। बच्चों को उनके परिवार से दूर रखकर उन्हें गुलामों की तरह पेश किया जाता है।
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