Hindi, asked by baishnab45, 1 year ago

बालाश्रम पर अनुच्छेद​

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Answered by arpita8137
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भारत में भगवान के बाल रूप के अनेक मंदिर हैं जैसे बाल गणेश, बाल हनुमान, बाल कृष्ण एवं बाल गोपाल इत्यादि । भारतीय दर्शन के अनुसार बाल रूप को स्वयं ही भगवान का रूप समझा जाता है । ध्रुव, प्रह्लाद, लव-कुश एवं अभिमन्यू आज भी भारत में सभी के दिल-दिमाग में बसे हैं ।

आज के समय में गरीब बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है । बाल श्रम समाज की गंभीर बुराइयों में से एक है । गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय है । पूरे संसार में गरीब बच्चों की उपेक्षा हो रही है तथा उन्हें तिरष्कार का सामना करना पड़ता है । उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता है और शिक्षा से वंचित होना पड़ता है, साथ ही बाल श्रम हेतु मजबूर होना पड़ता है ।

Answered by vibhadudile60
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भारत में भगवान के बाल रूप के अनेक मंदिर हैं जैसे बाल गणेश, बाल हनुमान, बाल कृष्ण एवं बाल गोपाल इत्यादि । भारतीय दर्शन के अनुसार बाल रूप को स्वयं ही भगवान का रूप समझा जाता है । ध्रुव, प्रह्लाद, लव-कुश एवं अभिमन्यू आज भी भारत में सभी के दिल-दिमाग में बसे हैं ।

आज के समय में गरीब बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है । बाल श्रम समाज की गंभीर बुराइयों में से एक है । गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय है । पूरे संसार में गरीब बच्चों की उपेक्षा हो रही है तथा उन्हें तिरष्कार का सामना करना पड़ता है । उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता है और शिक्षा से वंचित होना पड़ता है, साथ ही बाल श्रम हेतु मजबूर होना पड़ता है ।

समाज में गरीब लड़कियों की स्थिति और भी नाजुक है । नाबालिग बच्चे घरेलु नौकर के रूप में काम करते हैं । वे होटलों, कारखानों, दुकानों एवं निर्माण स्थलों में कार्य करते हैं और रिक्शा चलाते भी दिखते हैं । यहाँ तक की वे फैक्ट्रियों में गंभीर एवं खतरनाक काम के स्वरुप को भी अंजाम देते दिखाई पड़ते हैं ।


vibhadudile60: plz mark as brainliest
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