बाल श्रम पर अनुच्छेद लिखिए कि हम बाल श्रम कैसे रोक सकते हैं या प्रकाशन को रोकाने के लिए क्या सलाह दे सकते है ?
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विश्व बालश्रम निषेध दिवस पूरे विश्व में बाल मजदूरी के विरोध में मनाया जाता है। भारत देश के बारे में कहा जाए तो यहाँ बाल मजदूरी बहुत बडी समस्या है। भारत में बाल मजदूरी की समस्या सदियों से चली आ रही है। कहने को भारत देश में बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है। फिर भी बच्चों से बाल मजदूरी कराई जाती है। जो दिन बच्चों के पढने, खेलने और कूदने के होते हैं, उन्हें बाल मजदूर बनना पडता है। इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। कहने को सरकारें बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए बडे-बडे वायदे और घोषणाएं करती हैं, फिर भी होता सिर्फ ढाक के वही तीन पात है। इतनी जागरूकता के बाद भी भारत देश में बाल मजदूरी का खात्मा दूर-दूर तक नहीं दिखता है। इसके उल्ट बाल मजदूरी दिन व दिन बढती जा रही है मौजूदा समय में गरीब बच्चे सबसे अधिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। जो गरीब बच्चियां होती हैं उनको पढने भेजने की जगह घर में ही बाल श्रम कराया जाता है। छोटे-छोटे गरीब बच्चे स्कूल छोड़कर बाल-श्रम हेतु मजबूर हैं। बाल मजदूरी बच्चों के मानसिक, शारीरिक, आत्मिक, बौद्धिक एवं सामाजिक हितों को प्रभावित करती है। जो बच्चे बाल मजदूरी करते हैं, वो मानसिक रूप से अस्वस्थ्य रहते हैं और बाल मजदूरी उनके शारीरिक और बौद्धिक विकास में बाधक होती है। बालश्रम की समस्या बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करती है। जो की सविधान के विरुध्द है और मानवाधिकार का सबसे बडा उल्लंघन है।