बाल दिवस पर कविता का विषय.
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Answer:
आता हैं हर वर्ष ये दिन
झूमे नाचे बच्चे संग-संग
देते चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि हम
थे यह देश के पहले प्रधानमंत्री
करते थे बच्चों से प्यार
हर जयंती पर होता बच्चो का सत्कार
कच्ची मिट्टी हैं बच्चो का आकार
सच्चे साँचे में ढले यही हैं दरकार
ना हो अन्याय से भरा इनका जीवन
प्रतिज्ञा करो न करोगे बाल शोषण
नन्ही सी कलि हैं ये
भारत का खिलता कमल हैं ये
बाल दिवस पर हैं इन्हें सिखाना
जीवन अनमोल हैं यूँही ना गँवाना
देश के भविष्य हो तुम
शक्तिशाली युग की ताकत हो तुम
” जय हिन्द जय भारत “
MARK BRAINLIEST
Answer:
आता हैं हर वर्ष ये दिन
झूमे नाचे बच्चे संग-संग
देते चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि हम
थे यह देश के पहले प्रधानमंत्री
करते थे बच्चों से प्यार
हर जयंती पर होता बच्चो का सत्कार
कच्ची मिट्टी हैं बच्चो का आकार
सच्चे साँचे में ढले यही हैं दरकार
ना हो अन्याय से भरा इनका जीवन
प्रतिज्ञा करो न करोगे बाल शोषण
नन्ही सी कलि हैं ये
भारत का खिलता कमल हैं ये
बाल दिवस पर हैं इन्हें सिखाना
जीवन अनमोल हैं यूँही ना गँवाना
देश के भविष्य हो तुम
शक्तिशाली युग की ताकत हो तुम
” जय हिन्द जय भारत “
बाल दिवस कविता | आओ खेलें खेल
Baldiwas Poem
यह बाल कविता हमें यह सन्देश देती है | की हर जगह खुशियों का ही सेलाब है | चाचा नेहरु की वर्ष गाँठ हर वर्ष की भाति यानि 14 नवम्बर भी हमें याद दिलाती है उस महान व्यक्ति की जिसको बच्चों में इतना प्यार और स्नहे देखा था |
बाल दिवस कविता हिंदी में पोएम
बाल-दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों का सेलाब ।
जन्म,दिंनाक चाचा नेहरू की फिर आई है आज |
उन जैसे नेता पर सारे भारत को है सान ।
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान ।
हम उनसे सीखे मुसकाना, सारे संकट झेल ।
हम सब मिलकर क्यों न रचाए ऐमा सुख संसार
भाई-भाई जहां सभी हों, रहे छलकता प्यार ।
नही घृणा हो किसी हृदय में, नहीं द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हों, हो अधरों पर हास ।
झगडे नही परस्पर कोई, हो आपस में मेल ।
पडे जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश ।
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी मे मिलकर भी माँ की रखे ऊंची शान ।
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल नाक-नकेल ।
बाल दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
सभी बच्चो को बालदिवस कि हार्दिक शुभकामनाये |
बच्चो हम आज बताते हैं 14 नवम्बर बाल दिवस कविता
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता।
ये तो तुम सबने सुना ही होगा
दुनिया राम चलाते हैं
बैकुंठ छोड़कर बच्चे बन
भगवान धरा पर आते हैं
जिनको छल कपट नहीं आते
भगवान वहीँ पर रम जाते हैं
इसलिये तो बच्चे दुनिया में
भगवान का रूप कहालते हैं।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता ||
” जय हिन्द “
बाल दिवस क्या होता हैं ? लेटेस्ट कविता हिंदी में A Beautiful Poem on Children’s Day
थी बड़ी सोच मौलिक सपने
बच्चों के प्यारे चाचा के
जिनको नेहरू जी कहते हैं
भारत के वीर जवाहर के
नेहरू चाचा का जन्मदिवस
इसलिये तो देश मनाता है
यह तिथि नवंबर चौदह का
दिन बाल दिवस कहलाता है।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
“मेरा मन पंछी सा” बाल दिवस पर बाल कविता
प्रिय बच्चो
तुम हि प्यार हो
तुम हि विश्वास हो
तुम हि तो भारत देश का आधार हो
तुमसे हि आशा हो
तुमसे हि अभिलाषा हो
तुम हि देश का नीव हो
तुम हि इमारत हो
तुम हि बढता संसार हो
बाल दिवस पर बाल श्रमिक विशेष कविता
बाल दिवस क्या होता है,
पूछता है इक बाल श्रमिक,
अपने बाल श्रमिक दोस्त से,
सुना है
इस दिन बच्चे करते खूब धमाल,
बच्चों को किया जाता माला माल।
नेता दावें करते
बच्चों की जाएगी देखभाल।
हर बच्चा पढ़े लिखेगा,
सब की होगी सम्भाल।
आगे से दूसरा बाल श्रमिक बोला,
हमारा तो किसी को नही ख्याल,
मालिक हमें करते हैं हलाल,
बंद रहते फैक्टरी में सारा साल।
आगे से उसने बोला
भाई तुम करते हो कमाल,
यहाँ अधिकतर समाज सेवी,
कर्मचारी,अधिकारी
नेताओं के दलाल।
जो पी जाते हमारा सारा माल,
सिर्फ कागजों में बजती खड़ताल।
वो बच्चों के नाम पे खाते मुर्ग मसल्म,
बच्चों को नसीब नही होती रोटी दाल।
बेशक बाल श्रमिक का सही है सवाल,
बाल दिवस मनाते हर साल,
पर गरीब बच्चों का फिर भी वही हाल।
ऐ मेरे देश के ठेकेदारों
बाल दिवस को सार्थक बनाओ,
हर बच्चें को उसका हक़ दिलाओ।
ये बच्चे ही देश का भविष्य हैं।
“जय हिन्द”
बाल दिवस पर निबंध [ हिंदी में ] सभी कक्षाओं के लिये – यंहा पढ़ें
14 नवम्बर बाल दिवस नेहरूजी पर विशेष कविता
Happy Baldiwas Poem
बच्चों के प्यारे थे चाचा नेहरू
सबसे न्यारे थे चाचा नेहरू
अलाहबाद में जन्मे थे
और इंग्लैण्ड में पढ़े थे
देश की आजादी खातिर
कई दफा जेल गए थे
अपने हुनर के बलबूते वो
देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे
बापू गांधी के प्यारे थे चाचा नेहरू
पंचवर्षीय योजना दी चाचा ने
नई राह नई चेतना दी चाचा ने
जब प्रथम प्रधानमंत्री बने थे चाचा नेहरू
चाचा जी का सपना था
जब वे पंचतत्व में लीन हो जाए
उनकी चिंता से राख उठाए
उसको भारत के खेतों में डालें
और कुछ को गंगा में बहाएं
ऐसा करने से वो
भारत की मिट्टी में मिल जाएं
सच में बहुत न्यारे थे चाचा नेहरू
बच्चों के प्यारे थे चाचा नेहरू
प्यारी दुनिया नेहरु जी पर बाल कविता
कितनी प्यारी दुनिया इनकी,
कितनी मृदु मुस्कान।
बच्चों के मन में बसते हैं,
सदा, स्वयं भगवान।
एक बार नेहरू चाचा ने,
बच्चों को दुलराया।
किलकारी भर हंसा जोर से,
जैसे हाथ उठाया।
नेहरूजी भी उसी तरह,
बच्चे-सा बन करके।
रहे खिलाते बड़ी देर तक
जैसे खुद खो करके।
बच्चों में दिखता भारत का,
उज्ज्वल स्वर्ण विहान।
बच्चे मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
बच्चे यदि संस्कार पा गए,
देश सबल यह होगा।
बच्चों की प्रश्नावलियों से,
हर सवाल हल होगा।
बच्चे गा सकते हैं जग में,
अपना गौरव गान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
बालदिवस पर चाचा नेहरु पर कविता
ये दौलत भी ले लो
ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वे कागज की कश्ती वो बारिश का पानी।
by gaurav