बालगोबिन भगत गृहस्थ होते हुए भी साधु तथा। स्वाभिमानी थे? कैसे
Answers
Answer:
बालगोबिन भगत हमेशा अपनी भक्ति करते हुए गृहस्थी में रहते थे। वह तड़के ही उठ जाते थे और स्नान करने के बाद भजन गाते थे। चाहे कोई भी मौसम हो, बालगोबिन भगत की दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं आता था। वे रोज सबेरे उठकर दो मील चलकर नदी में स्नान करने जाते थे। वहाँ से लौटने के बाद पोखर के भिंड पर गाना गाते थे। उनकी नियमित दिनचर्या लोगो को अचरज में डाल देती |
साधु की पहचान पहनावे के आधार पर करना गलत होगा। केवल गेरुआ वस्त्र पहनने से कोई साधु नहीं बन जाता है। साधु बनने के लिए आचार और विचारों में शुद्धता की आवश्यकता होती है। उनमें ये गुण था अस्तु वे गृहस्थी होकर भी सन्यासी थे वे स्वाभिमानी भी थे क्योंकि वे कभी भी किसी अन्य की चीज को बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं करते थे। वे किसी को भी खरा बोल देते थे ।
Answer:
chaoplana ksnsbsksks ssjslsmsm