Hindi, asked by ash4566, 9 months ago

बालगोबिन भगत और कबीर जी के जीवन में क्या क्या समानता थी। दोनों महापुरुषों के जीवन की घटनाओं अर्थात उनके व्यक्तित्व से आपको क्या सीख मिलती है लेख के रूप में लिखिए​

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Answered by bhatiamona
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बालगोबिन भगत और कबीर जी के जीवन में क्या क्या समानता थी। दोनों महापुरुषों के जीवन की घटनाओं अर्थात उनके व्यक्तित्व से आपको क्या सीख मिलती है लेख के रूप में लिखिए​:

बालगोबिन भगत और कबीर जी के जीवन में बहुत समानता थी।

कबीर आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी कही गई बातें आज भी हम सभी के लिए अंधेरे में रोशनी का काम करती हैं| कबीर जी सन्त कवि और समाज सुधारक थे।

कबीरदास जी एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने युग में व्याप्त सामाजिक अंधविश्वासों, कुरीतियों और रूढ़िवादिता का विरोध किया। कबीरदास भक्तिकाल के निर्गुण कवियों में एक थे| वह निर्गुण भक्ति में विश्वास करते थे ।कबीर जी  ने रूढ़ियों, सामाजिक कुरितियों, तिर्थाटन, मूर्तिपूजा, नमाज, रोजादि का खुलकर विरोध किया |  

'जाति प्रथा' समाज की एक ऐसी बुराई थी जिसके चलते समाज के एक बड़े वर्ग को मनुष्यत्व के बाहर का दर्जा मिला हुआ था। कबीर दास जी कहते हैं कि मनुष्य जीवन तो अनमोल है इसलिए हमें अपने मानव जीवन में किसी को दुःख नहीं चाहिए बल्कि हमें अपने अच्छे कर्मों के द्वारा अपने जीवन को उद्देश्यमय बनाना चाहिए।  

बालगोबिन भगत कबीर के पक्के भक्त थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और हमेशा खरा व्यवहार करते थे। वे किसी की चीज का उपयोग बिना अनुमति माँगे नहीं करते थे। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण वे साधु कहलाते थे।

बालगोबिन कबीर की तरह सामाज में प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे| वह कबीर जी कीतरह पहनावे में अनुसरण करते थे| वह कबीर की तरह  सांसारिक मोह-माया से मुक्त थे | वह कबीर की तरह ग्रहस्थ जीवन में ढ़कत भी साधु समना जीवन व्यतीत किया था|

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