बालगोविन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता,
उसे वे सर्वप्रथम कैसे मेले कर देते?
Answers
Answer:
(1) गाँव से दो मील दूर।
दो मील - क्रिया विशेषण
(2) पोखरे के ऊँचें भिंडे पर अपनी खंजरी लेकर जा बैठते।
ऊँचे भिंडे - क्रिया विशेषण
(3) उनकी अँगुलियाँ खँजड़ी पर लगातार चल रही थी।
लगातार - क्रिया विशेषण
(4) कितनी उमस भरी शाम है।
उमस भरी - क्रिया विशेषण
(5) ठंडी पुरवाई चल रही थी।
ठंडी पुरवाई - क्रिया विशेषण
(6) उनकी खँजड़ी डिमक-डिमक बज रही है।
डिमक-डिमक - क्रिया विशेषण
(7) कपड़े बिल्कुल कम पहनते।
बिल्कुल कम - क्रिया विशेषण
(8) लोगों को कुतुहल होता।
कुतुहल - क्रिया विशेषण
(9) समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है।
खेतों में - क्रिया विशेषण
(10) एक अच्छा साफ़-सुथरा मकान भी था।
साफ़-सुथरा - क्रिया विशेषण
Explanation:
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बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता उसे वे सर्वप्रथम भगवान को भोग लगाते थे।
• बाल गोविन भक्त प्रवृति के व्यक्ति थे। वे सच्चे साधु थे, उन्होंने परमात्मा की भक्ति करने के लिए अपने घर बार का त्याग नहीं किया।
• वे अपना पूरा काम काज करते। अपने सभी कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा से करते।
• खेत में जो कुछ भी फसल पैदा होती उसे वे सर्वप्रथम भगवान को भोग लगाते थे उसके बाद ही वे स्वयं उसका उपयोग करते।
• साधु प्रवृति के होते हुए भी वे समाज की सड़ी गली परंपराओं को नहीं मानते थे।
• अपने बेटे की मृत्यु पर वे रोए नहीं, बेटे की अंतिम क्रिया उन्होंने अपनी बहू से करवाई तथा बहू के भाई को उसका दूसरा विवाह करने का आदेश दिया।