बालगोविन भगत के स्वरूप का वर्णन अपने शब्दों में
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Answer:
बालगोबिन भगत एक गृहस्थ थे परन्तु उनमें साधु कहलाने वाले गुण भी थे -
(1) कबीर के आर्दशों पर चलते थे, उन्हीं के गीत गाते थे।
(2) कभी झूठ नहीं बोलते थे, खरा व्यवहार रखते थे।
(3) किसी से भी दो-टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से झगड़ा करते थे।
(4) किसी की चीज़ नहीं छूते थे न ही बिना पूछे व्यवहार में लाते थे।
(5) कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे कबीरपंथी मठ में ले जाते, वहाँ से जो कुछ भी भेंट स्वरुप मिलता था उसे प्रसाद स्वरुप घर ले जाते थे।
(6) उनमें लालच बिल्कुल भी नहीं था।
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बालगोविन भगत का स्वरूप
बालगोविन भगत मंझोले कद के थे| उनका रंग गोरा था| उनके बाल सफेद थे| उनके चेहरे पर सफेद बाल थे| वह लम्बी दाढ़ी नहीं रखते थे| बालगोविन भगत बहुत कम कपड़े पहनते थे | वह कहते है कि हमें उतने कपड़े पहनने चाहिए जितनी शरीर को जरूरत है| वह कमर में लंगोटी पहनते थे | वह सिर में टोपी पहनते थे| सर्दियों में वह कंबल ओढ़ते थे| वह माथे में रामानंदी चंदन का टिका लगाते थे| वह टिका बहुत लम्बा लगते थे टिका नाक से माथे तक लगते थे| वह गले में जड़ों की माला पहनते थे|
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