Hindi, asked by sumigr, 11 months ago

बालक के नैतिक विकास में मातृभाषा का क्या महत्व है

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Answered by nikita200358
17

मनुष्य जब जन्म लेता है। तब वह सबसे पहले उसकी मातृभाषा से परिचित होता है । हमारे जीवन मे जब हम सबसे पहले वार्तालाप करते है तो वह हमारी मातृभाषा मे होता है , उसके बाद हमे बाकी भाषाए ज्ञात होती है । हमारा विकास भी हमारी मातृभाषा पर निर्भर है। भलेही लोग दुसरी भाषाओ को श्रेष्ठ समझते हो परंतु सत्य तो यह है की हमारे नैतिक विकास के पिछे हमारी मातृभाषा का हाथ है, जो हमे बोलना और समझना सिखाती है।


nikita200358: your welcome
varshamenon58: nice answer
Answered by theking20
11

एक बालक विनैतिक होता है अर्थात वो न ही तो नैतिक माना जाता है ओर ना ही अनैतिक। उसकी नैतिक बनने की शुरुआत होती है उसके पारिवारिक माहौल से, जैसा उस बालक के घर परिवार का माहौल होगा वैसा ही वह बालक होगा।

घर परिवार में भी नैतिकता का सबसे पहला चरन है मातृभाषा। बच्चा जब से गर्भ में होता है तब से ही वह सब सुन व समझ सकने की क्षमता रखता है। उसकी मातृभाषा के द्वारा ही वह शुरु से वार्तालाप करता है। वह जो भी बोलना सीखता है केवल अपनी मातृभाषा में ही।

मातृभाषा हर बालक के लिए शुरुआती चरन है उसके विकास में चाहे वो सामाजिक विकास हो या फिर नैतिक विकास।

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