बालकृष्ण के सौंदर्य को वर्णन किजीए?
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दूसरे पद में श्रीकृष्ण के बाल रूप का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया गया है . कभी वे घुटनों के बल चलते है तो उनके पैरों से पायलों की रुन-झुन की आवाज निकलती है जो अत्यंत मनमोहक है . घुटनों के बल चलने के कारण श्रीकृष्ण धूल से भर जाते हैं . उनके हॉट का रंग गुलाब की पंखुड़ियों के सामान लाल है. उनकी चंचल आँखें अत्यन्त सुन्दर प्रतीत हो रही है.
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श्री कृष्ण के कपोल यानी गाल सुंदर तथा नेत्र चपल हैं। ललाट यानी माथे पर गोरोचन का तिलक लगा है। बालकृष्ण के बाल घुंघराले हैं। जब वह घुटनों के बल माखन लिए हुए चलते हैं तब घुंघराले बालों की लटें उनके गाल पर झूमने लगती है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानो भँवरे मीठा रस पीकर मतवाले हो गए हैं। उनके इस सौंदर्य र्क शोभा उनके गले में पड़े कंठहार व सिंह नख से और बढ़ जाती है।
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