Hindi, asked by avishekpokhrel, 6 months ago

बालम, आवो हमारे गेह रे' कविता में वर्णित प्रियतम के विरह में विरहिणी की दारुण
दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए class ११​

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Answered by shishir303
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‘बालम आवो हमारे गेह रे’ कबीर में ईश्वर का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हे प्रियतम अपनी एक झलक दिखाने को ही आ जाओ। कबीर कहते हैं कि जिस तरह कामिन स्त्री केवल अपने बालम यानि प्रेमी या पति का ही चिंतन ही करती रहती है, उससे मिलन की ही कामना करती है, उसी तरह वह भी उसी कामिन स्त्री के समान है, जो अपने प्रियतम रूपी ईश्वर के मिलन की कामना संजोये हुये हैं।

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