बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहां से किया था? लिखिए।
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उत्तर :
पंडित बिलवासी मिश्र लाला झाऊलाल के बहुत करीबी मित्र थे। दोनों एक दूसरे से कोई भी बात नहीं छुपाते थे। अपने दोस्त को मुसीबत में देर और उसकी आपबीती सुनकर पंडित जी ने उसकी मदद करने का निश्चय किया। जब पंडित जी के पास कहीं से भी रुपयों का इंतजाम नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक में से ₹ २५० चोरी किए। पत्नी को बिल्कुल भी इस बात की भनक नहीं थी। देखा जाए तो यह चोरी थी लेकिन एक दोस्त को मुसीबत से बाहर निकालने के लिए यह दूसरे दोस्त का प्रेम था। इस प्रकार से पंडित बिलवासी मिश्र ने रुपयों का प्रबंध किया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
पंडित बिलवासी मिश्र लाला झाऊलाल के बहुत करीबी मित्र थे। दोनों एक दूसरे से कोई भी बात नहीं छुपाते थे। अपने दोस्त को मुसीबत में देर और उसकी आपबीती सुनकर पंडित जी ने उसकी मदद करने का निश्चय किया। जब पंडित जी के पास कहीं से भी रुपयों का इंतजाम नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक में से ₹ २५० चोरी किए। पत्नी को बिल्कुल भी इस बात की भनक नहीं थी। देखा जाए तो यह चोरी थी लेकिन एक दोस्त को मुसीबत से बाहर निकालने के लिए यह दूसरे दोस्त का प्रेम था। इस प्रकार से पंडित बिलवासी मिश्र ने रुपयों का प्रबंध किया।
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बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल की मदद करने के लिए अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके रूपयों का प्रबंध किया था। पर समस्या का हल हो जाने पर उन्होंने वे रूपए वापस अपनी पत्नी के संदूक में रख दिए।
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