(B) → मेढ़क के गैस्टूला का अनुप्रस्थ काट।
(B)→T.S.of Gastrula of Frog.
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Explanation:
मेंढक उभयचर वर्ग का जंतु है जो पानी तथा जमीन पर दोनों जगह रह सकता है। यह एक शीतरक्ती प्राणी है अर्थात् इसके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है। शीतकाल में यह ठंडक से बचने के लिए पोखर आदि की निचली सतह की मिट्टी लगभग दो फुट की गहराई तक खोदकर उसी में पड़ा रहता है। यहाँ तक कि कुछ खाता भी नहीं है। इस क्रिया को शीतनिद्रा या शीतसुषुप्तावस्था कहते हैं। इसी तरह की क्रिया गर्मी के दिनों में होती है। ग्रीष्मकाल की इस निष्क्रिय अवस्था को ग्रीष्मसुषुप्तावस्था कहते हैं।
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Gastrulation is a process by which a gastrula is formed from a blastula.
- The process of gastrulation is initiated by the future dorsal side which is present below the equator in the region of the gray crescent.
- The cleavage in frogs is said to be radical and holoblastic.
- The cells will invaginate or in simple terms goes inside to form a blastopore.
- These cells determine the shape of the frog.
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