बिनु गुपाल बैरिनि भई कुंजै। तब वै लगतिं तन सीतल, अब भइ बिषम ज्वाल की पुंजै। बृथा बहति जमुना, खग बोलत, बृथा कमल-फूलनि अलि गुंजै। पवन, पान, घनसार, सजीवन, दधि-सुत किरनि भानु भई भुंजै।। यह ऊधौ कहियौ माधौ सौं, मदन मारि कीन्हीं हम लुंजै। सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कौं, मग जोवत अँखियाँ भई छु ।।
Answers
Answered by
1
Answer:
बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
भाषा अवधी भाषा
शैली सोरठा, चौपाई, छंद और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड बालकाण्ड
Similar questions