(ब) निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
आदर्श व्यक्ति कर्मशीलता में ही अपने जीवन की सफलता समझता है। जीवन का प्रत्येक क्षण वह कर्म में ही लगाता है। विश्राम और विनोद के लिए उसके पास निश्चित समय ही रहता है शेष समय वह जन सेवा में व्यतीत करता है। हाथ पर हाथ धरकर बैठने से को वह मृत्यु के समान समझता है । काम करने की उसमें लगन होती है। उसमें उत्साह होता
है। विपत्तियों में भी वह अपने चरित्र का सच्चा परिचय देता है। धैर्य की कुदाली से वह बड़े-बड़े संकटों के पर्वतों को ढहा देता है। उसके कार्य कुशलता को देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं संतोष उसका धन है । वह परिस्थितियों का दास नहीं परिस्थिति उसकी दासी है।
1. गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
2. उपयुक्त गद्यांश में वर्णित व्यक्ति के गुणों से आपको क्या सीख मिलती है ?
3. कर्मशील व्यक्ति अपना समय किस प्रकार व्यतीत करता है ?
4. " संतोष " और " दास " का समानार्थी शब्द लिखिए।
Answers
Answer:
Vacuole, in biology, a space within a cell that is empty of cytoplasm, lined with a membrane, and filled with fluid. Especially in protozoa, vacuoles are cytoplasmic organs (organelles), performing functions such as storage, ingestion, digestion, excretion, and expulsion of excess water.
Answer:
1) आदर्श व्यक्ति
2) हम पास से सीखते हैं कि हमें अपने जीवन में सफलता पर विचार करना चाहिए और हमें अपने जीवन के हर आंदोलन को जीना चाहिए। हमें आराम करने और आनंद लेने के लिए समय भेजना चाहिए। हम जो भी काम करते हैं उसमें ईमानदारी और समर्पित होना चाहिए। अगर कुछ गलत हो जाता है तो हमें धैर्य रखना चाहिए क्योंकि अच्छी चीजें होने में समय लगता है
3) एक कामकाजी व्यक्ति अपने दिन का आधा काम उस व्यक्ति की तुलना में करता है, जिस दिन वह घर आता है और स्नान करता है। 1 या 2 घंटे के बाद व्यक्ति स्नैक्स खाएगा और चाय पीएगा। कुछ घंटों के बाद व्यक्ति रात का खाना खाएगा और आराम करेगा और सुबह उठने के बाद व्यक्ति सो जाएगा।
4) संतुष्टि , शब्द का अर्थ
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