Hindi, asked by jayjayavardhan726, 5 hours ago

बेनीमाधव सिंह के परिवा का संक्षिप्त परिचय दीलिप ।​

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Answered by silentloffer
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Answer:

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बेनी माधव सिंह — बेनी माधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमींदार थे। किसी समय में उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी थी परन्तु बाद में उनकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गयी। श्रीकंठ सिंह — श्रीकंठ बेनी माधव सिंह के बड़े बेटे का नाम था। ... आनंदी — आनंदी बेनीमाधव सिंह के बड़े बेटे श्रीकंठ की पत्नी थी।

Answered by shraddhakri1611
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Explanation:

बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव का जमींदार था। उसके पिता किसी समय बड़े धन धान्य सम्पन्न थे। गाँव में भव्य मंदिर एवं पक्का तालाब बनवाया था जिसकी अब मरम्मत भी मुश्किल थी, कहा जाता है कि कभी उनके दरवाजे पर हाथी झूमता था, आज वहाँ बूढ़ी भैंस थी। उनकी वर्तमान आय एक हजार रुपये वार्षिक से अधिक न थी, आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे। इनके दो पुत्र थे। बड़े बेटे का नाम श्रीकंठ, छोटे बेटे का नाम लालबिहारी सिंह था। श्रीकंठ अध्ययनशील और मेहनती लड़का था। उसने बी.ए. की डिग्री प्राप्त कर, शहर में नौकरी में लग गया था, साथ ही उसे आयुर्वेद औषधियों में अत्यधिक रूचि भी थी। वह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता से प्रेरित था जिसके कारण उसका गाँव में बड़ा सम्मान था। लालबिहारी सिंह दोहरे बदन का नौजवान था जो अपने बड़े भाई की तुलना में अधिक रौबीला एवं स्वस्थ था। वह खूब खाता पीता और मस्ती में व्यस्त रहता था। बड़े बेटे की शादी आनंदी से हुई जो एक सुशील, सम्पन्न परिवार की लड़की थी। छोटे बेटे का विवाह एक साधारण जमींदार की लड़की के साथ हुआ

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