'बिना निमंत्रण के कही नहीं जाना चाहिए ' इस विषय पर अपने विचार लिखिए
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बिना बुलाए किसी के घर जाने पर मिलता है अपमान: पं. शर्मा
5 वर्ष पहले
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कांकेर | बिना बुलाए जाने वाले को अपमान ही झेलना पड़ता है। बिना निमंत्रण के किसी के घर नहीं जाना चाहिए। यह बातें कथावाचक पं. भागवत प्रसाद शर्मा ने शिव सती की कथा के दौरान कही।
झूनियापारा में चल रहे श्रीमद्भागवत पुराण के दौरान पं. शर्मा ने कहा कि राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया। इसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन बेटी सती व दामाद शिव को आमंत्रण नहीं दिया। माता सती ने पिता के यहां यज्ञ होने की जानकारी मिलने पर भगवान शिव से चलने की जिद की। भगवान शिव ने निमंत्रण नहीं होने की बात कह न जाने की सलाह दी। माता सती नहीं मानी और नंदी, भृंगी के साथ राजा दक्ष के यज्ञ में शामिल होने पहुंची। राजा दक्ष ने बिना बुलाए पहुंचने पर माता सती व नंदी-भृंगी का अपमान किया।
इस पर माता सती ने पति भगवान शिव, नंदी व भृंगी के अपमान से व्यथित होकर अग्नि का आह्वान कर प्राण त्याग दिया। इस पर क्रोधित भगवान शिव ने वीरभद्र को प्रगट कर राजा दक्ष को उचित दंड देने भेजा। पं. शर्मा ने कथा के दौरान माता अनुसूईया, कपिल अवतार आदि की कथा भी सुनाई। कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।
कांकेर. झूनियापारा में चल रहे श्रीमद्भागवत पुराण सुनने पहुंच रहे श्रद्धालु।