Hindi, asked by Tejas198, 1 year ago

बिना टिकट रेल में यात्रा करते यात्री तथा टीटी के मध्य संवाद लिखिए।

Answers

Answered by adici
15
bus mein yatri ke paise kho jatein hai..ticket checker aata hai.
ticket checker. ticket please
yatri. bahi mere paise Cori hogaye
ticket checker. to me kya karnu
yatri. matlab?
ticket checker. sir paise aapke chori hue hai to isme meri kya galti . me to apne paise pure lunga naa
yatri . bahi kya baat kar rahe ho mere paise chori ho gaye .kuch to raham dikha
ticket checker. sir mera viapar hi yahi hai .aapke pauae chori hue to aapko dhyan rakhna chahie tha
yatri. bahi mere paise chpri ho gaye isme meri kya galti . agar mujhe patahota ki pause chori ho jaenge to kya baat the
aajkal choro ki bhi to kame nahi hai
ticket checker . sor me aapki pareshani samajta hu par ye mera viapar hai isme mein kucnahi kar sakta . aapko paise dene hi padenge
yatri.(khamosh hoker) . to ab mein kya karu
ticket checker . aap ek kam kejye yaha pas ke atm me jakar paise le aayeaga
yatri. thik hai


Read more on Brainly.in - https://brainly.in/question/1235626#readmore
Answered by vijay160658
10
संवाद सूत्र, सोनपुर : रेल प्रशासन द्वारा अनवरत चलाए जा रहे अभियान को लेकर बिना टिकट रेल यात्रा करने वाले यात्रियों की शामत आ गयी है। अभियान के दौरान पकड़े जाने के बावजूद बिना टिकट सफर करने की मानसिकता वाले यात्रियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। उनकी संख्या दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है।

सोनपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक दिलीप कुमार द्वारा जारी आंकड़े इस बात की गवाही दे रहा है। बीते कुछ माह के आंकड़े को देखें तो मई महीने में बिना टिकट तथा अनियमित यात्रा करते 34 हजार 405 लोग पकड़े गये। उनसे बतौर जुर्माना एक करोड़ 59 लाख रुपये की रेल राजस्व की प्राप्ति हुई। गौर करने की बात है कि पिछले वर्ष मई माह में यह आंकड़ा मात्र 23 हजार 589 था। उस वक्त पकड़े गये लोगों से एक करोड़ दो लाख रुपये की वसूली जुर्माना के रूप में किया गया था। इस प्रकार पिछले साल की तुलना में 45.85 प्रतिशत अधिक यात्री बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गये हैं जिनसे बतौर जुर्माना 53.7 प्रतिशत अधिक वसूला गया था। आश्चर्य यह है कि एक वर्ष में बिना टिकट यात्रा करने वालों की संख्या घटने के बजाय लगभग 12 हजार बढ़ गया। इस बात का सीधा उदाहरण है कि रेलवे द्वारा चलाये जा रहे मजिस्ट्रेट चेकिंग किलाबंदी अभियान, बस रेड, एम बस चेकिंग, क्रास कंट्री चेकिंग तथा स्पाट चेकिंग आदि अभियान चलाये जाने के बावजूद लोगों का डर और भय समाप्त होने का नाम नहीं हो रहा है। बिना टिकट यात्रा करने में न उन्हें अपने मर्यादा का ख्याल का रहता है न लोक लज्जा का। बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि यह विडम्बना ही है कि दक्षिण भारत के लोग रेलवे के प्रति तथा देश के प्रति कितना जागरूक हैं कि बिना टिकट यात्रा के कौन कहे वे पंक्ति बद्ध होकर बिल्कुल अनुशासित तरीके से गाड़ियों में सवार होते हैं। इस बीच यात्रा के क्रम में उनसे सीख लेने की बात यह है कि न तो बोगियों में गंदगी फैलाते हैं न ही चिनिया बादाम अथवा केला खाकर उसके छिलके इधर उधर फेंकते हैं। ठीक इसके विपरीत उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रवेश करते ही अनुशासन की धज्जियां कदम-कदम पर उड़ती है। न केवल चेन पुलिंग रोकने के लिए रेल प्रशासन को हलकान होना पड़ता है। बल्कि बिना टिकट यात्रियों के धर-पकड़ के लिए बड़ी संख्या में आरपीएसएफ, आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को लगाया जाता है। इसके अलावा अनेक जगहों से एसीएम एक्सक्वायड और छापा दल भी बुलाये जाते हैं। इन सबों पर रेलवे को अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। बुद्धिजीवी वर्ग बताते हैं कि रेलवे को इन सब चीजों में राशि व्यय करना पड़ता है अगर रेल से यात्रा करने वाले लोग स्वयं अपने जवाबदेही और राष्ट्र के प्रति अपनी धरती को दर्शाते हुए बिना टिकट यात्रा करना अपराध और सामाजिक मार्यादा के विरुद्ध समझने लगे तो संभवत: समस्या का निदान हो जाये। दूसरी ओर डीआरएम राजेश तिवारी ने रेल यात्रियों से अपील की है कि हमेशा टिकट लेकर यात्रा करें। ताकि रेलवे को यात्री सुविधाओं के विस्तार में बेहतर प्लानिंग करने का मौका मिल सके।

Similar questions