Hindi, asked by PulkitStar, 1 year ago

बिना विचारे जो करे सो पाछे पछिताय
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय
जग में होत हँसाय चित्त में चैन न पावै
खान पान, सम्मान, राग-रंग मनहिं न भावै।
कह गिरधर कविराय दु:ख कछु टरहिं न टारे
खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना विचारे।
का मतलब

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Answered by Chirpy
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गिरिधर कविराय जी हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने अपनी कुंडलियों में सरल भाषा में नीति की बातें बतायीं हैं। इनमें दैनिक जीवन से सम्बंधित ज्ञान है। प्रस्तुत पंक्तियों में वे कहते हैं कि मनुष्य को हर काम सोंच समझ के करना चाहिए। जो व्यक्ति बिना विचार किये काम करता है उसका काम बिगड़ जाता है और लोग उसका मजाक उड़ाते हैं।

उसका मन अशांत हो जाता है और उसे कुछ अच्छा नहीं लगता। उसका मन खिन्न हो जाता है। वह बहुत दुखी हो जाता है। उसे अपनी असफलता हर समय खटकती है।

इसलिए इस असीम दुःख से बचने के लिए हमेशा सोंच समझ के काम करना जरुरी है।

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