बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय पर अनुच्छेद essay
Answers
बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए
मनुष्य विवेकशील प्राणी है। वह जो भी कार्य करता है उसे सोच-समझकर करता है, क्योंकि ईश्वर ने उसे सोचने-समझने की शक्ति दी है, उसको बुधि प्रदान की है। लेकिन स्वभाव से मानव का मन चंचल होता है और अपनी इसी चंचलता के कारण कभी-कभी वह अपने विवेक का इस्तेमाल करना भूल जाता है और अपनी व्यस्त जिदगी के कार्यों की ओर प्रवृत्त हो जाता है और ऐसे कार्य करने लगता है जिससे उसे दु:ख का अनुभव होता है तथा बिना सोचे-समझे कार्य करने से उसे असफलता और निराशा ही हाथ लगती है। ऐसे मनुष्य जो परिणाम की परवाह किए बिना ‘देखा जाएगा’ के नजरिए से कार्य करते हैं वे पश्चाताप की गहरी खाई में गिरते जाते हैं। केवल दूरदर्शी व्यक्ति जो हर कार्य को करने से पहले उसके बुरे और अच्छे परिणामों के बारे में सोचता है उसे ही सफलता का सच्चा सुख प्राप्त होता है। मनुष्य के इसी गुण के कारण उसे पशुओं से भिन्न माना गया है, क्योंकि पशु में बुधि नहीं होती। वास्तव में बदधिमान वही व्यक्ति है जो सोच-विचार कर कार्य करता है ताकि बाद में पछताना न पड़े।
Answer:
हमें कुछ भी बोलने या करने से पहले विचार लेना चाहिए । एक उक्ति है कि - समझदार व्यक्ति किसी बात को बोलने तथा किसी कार्य के करने के पहले सोचता है जबकि मूर्ख बोल कर या कार्य करने के बाद पछताता है । लोग अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रखते जो कभी - कभी दुख का कारण बन जाती है , जिससे उन्हें हॅसी का पात्र बनना पडता है । यही नहीं, उन्हें इसी कारण से मानसिक त्रास झेलना पडता है । मन दुखी रहता है । हमारे किए गए व्यवहार या बोली गई वाणी से सामने वाले व्यक्ति को दुख होता है । दूसरे को दुख पहुचाॅना ही पाप कहा जाता है ।पाप के द्वारा धर्म तथा यश की हानि होती है । अतः हमें प्रयास करके बिना विचारे न तो बोलना चाहिए और न ही कोई ऐसा काम करना चाहिए जिससे दूसरों को दुख पहुंचे ।