Hindi, asked by priya28jisharma, 1 day ago

बिना विचारे जो करे सो पछताए शीर्षक पर एक लघु कथा लिखिए​

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Answered by ishusri410
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बिना विचारे सोच लेना एक छोटी

कहानी

हर किसी के जीवन में कभी कभी ऐसे पल आते थे जिसमे इन्सान किसी के प्रति इतना जल्दी सोच लेता है और खुद ही निर्णय ले लेता है वह जैसा सोचता है लोग वैसे नही होते है लेकिन कभी भी जल्दबाजी में लिया गया निर्णय सही नही होता है क्यूकी जल्दबाजी में किसी के प्रति सोचना भी इसके उलट हो सकता है इसलिए हम अपने जीवन में जो भी निर्णय ले निर्णय लेने से खूब अच्छे से विचार कर ले तभी किसी ठोस निर्णय पर पहुचे.

जैसा की गिरधर जी ने भी कहा है –

“बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछिताय, काम बिगारै आपनो, जग में होत हंसाय” .

तो आईये जानते है एक छोटी सी कहानी के माध्यम से जो जल्दबाजी की सोच पर आधारित है की किस प्रकार जल्दबाजी में सोचा गया हमारा विचार भी गलत हो सकता है.

जल्दबाजी का फैसला एक छोटी कहानी :

एक छोटी लड़की अपने पिताजी के साथ पार्क में खेल रही थी इतने में एक सेव बेचने वाला वहा से गुजरा जिसे देखकर उस छोटी लड़की ने अपने पिताजी से सेव खरीदने को कहा तो उस लड़की के पिताजी तो ज्यादा पैसे अपने साथ लाये नही थे तो उन्होंने 2 सेव खरीद लिए और अपनी बेटी को दे दिया,

और बेटी के हाथो में सेव रखते हुए बोले की क्या इन सेवो में से मुझे भी खिलाओगी यह सुनते ही उस छोटी लड़की ने तुरंत एक सेव अपने दातो से काट लिया और उसके पिता कुछ बोल पाते इतने में उस छोटी लड़की ने दूसरा सेव भ अपने दातो से काट लिया,

अपनी बेटी की इस हरकत को देखकर उसके पिता बहुत ही आश्चर्यचकित थे और मन ही मन सोचने लगे की उसकी बेटी के मन में लालच है इसलिए उसकी बेटी अपनी सेव साक्षा करने में ऐसा कर रही है और ये सब सोचते हुए बहुत ही गहरी चिंता में डूब गये, चेहरे से प्रसन्नता गायब हो चुकी थी.

लेकिन इतने में ही अचानक उसकी बेटी ने अपने पिताजी के हाथ पर एक सेव रखते हुए कहा की “पिताजी यह सेव बहुत ही प्यारा और स्वादिष्ट है और मीठा भी बहुत है इसे आप खाईये” यह सब बाते सुनकर उस लड़की के पिताजी अवाक थे और पलभर पहले ही अपनी बेटी के बारे में न जाने क्या क्या सोच लिया था और फिर उन्हें लगा की अब वह जल्दबाजी में कभी भी ना सोचेगे क्यू जल्दबाजी का निर्णय गलत भी हो सकता है और इस प्रकार अपने बेटी के इस कार्य से एक बार फिर से उनके चेहरे पर मुस्कान वापस आ गयी और फिन मन ही मन अपने बेटी पर गर्व करने लगे थे .

नैतिक शिक्षा :

किसी भी चीज को तुरंत सोचकर किसी ठोस निर्णय पर न जाए चीजो को समझने के लिए वक्त देना बहुत ही जरुरी होता है क्यूकी जल्दबाजी में लिया गया निर्णय गलत भी हो सकता है.

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Thank you .

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