'बाणभट्ट की आत्मकथा' में भारतीय इतिहास के किस सम्राट
के युग का सजीव चित्रण है ?
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‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास में भारतीय इतिहास के सम्राट महाराजा हर्षवर्धन के युग का सजीव चित्रण है।
बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास का सृजन आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने किया था, यह उनका प्रथम उपन्यास था। उपन्यास के माध्यम से उन्होंने ऐतिहासिक तथा कल्पना का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत करके अनोखा प्रयोग किया है। बाणभट्ट की आत्मकथा की रचना आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने हर्षकालीन ऐतिहासिक संस्कृति के धरातल पर की है। यह उपन्यास महाराजा हर्षवर्धन के काल के युग का सजीव चित्रण करता है। उन्होंने उपन्यास में वर्णित पात्र बाणभट्ट, सम्राट हर्षवर्धन, राजश्री, कुमार कृष्णवर्धन आदि विशुद्ध अत्याधिक चरित्र हैं और लेखक ने इन पत्रों से संबंधित घटनाओं में कल्पना का थोड़ा समन्वय करके प्रस्तुत किया है, लेकिन कोई भी घटना तत्कालीन इतिहास को नकारती नहीं है और ना ही काल्पनिक सिद्ध होती है।
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