Hindi, asked by amritstar, 1 year ago

ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र वणों को कैसे शरीर का अंग बताया गया है?

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Answered by WritersParadise01
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" ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीद् बाहू राजन्य: कृत:।

ऊरू तदस्य यद्वैश्य: पद्भ्यां शुद्रोऽजायत।। "

अर्थ :-

ब्राह्मण को समाज रुपी शरीर का मुख बताया गया हैं । मुख जो कुछ भी अनुभव करता है

उसका लाभ पुरे शरीर को देता है । इसी प्रकार समाज में जो लोग ज्ञान - प्रधान हैं और उसका

उपयोग सारे समाज के हित के लिए करते हैं, वे ब्राह्मण कहे जाने योग्य हैं ।


क्षत्रियों को समाज में बाहुओं का स्थान प्राप्त हैं। बाहु शरीर की रक्षा करते हैं । इसी प्रकार

क्षत्रिय अपनी शक्ति का प्रयोग कर पुरे समाज के हित के लिए करते हैं, वे क्षत्रिय हैं ।


वैश्य इस समाज के उरु हैं । सबको रोटी, कपडा, मकान देने का दायित्व वैश्य वर्ण का है ।


शुद्र इस समाज के पैर हैं । पैर ही पुरे शरीर का भार उठाते हैं । अत: शुद्रो का बहुत बड़ा

सहयोग होता हैं ।

27jenny: gr8 Explanation✌❤☺
WritersParadise01: thnx to both di♥️
ShuchiRecites: No words!
WritersParadise01: ☺️thanka
Anonymous: perfect ☺️
PrincessNumera: awsm sis
WritersParadise01: Thanx @TheShield15 and @princessnumera❤️
WritersParadise01: thnx di❤️
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