ब्राह्मणीय पद्धति में स्त्रियों का गोत्र कैसे निर्धारित किया जाता था?
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एक ब्राह्मणीय पद्धति जो लगभग 1000 ई०पू० के बाद से प्रचलन में आई, वह लोगों (खासतौर से ब्राह्मणों) को गोत्रों में वर्गीकृत करने की थी। प्रत्येक गोत्र एक वैदिक ऋषि के नाम पर होता था। उस गोत्र के सदस्य ऋषि के वंशज माने जाते थे। ... स्त्री को परिवार में माता के रूप में पूरा सम्मान मिले, उसका पति भी यह चाहता था
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