Hindi, asked by diggusharma, 1 year ago

बेरोजगारी की समस्या पर anuched

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Answered by Anonymous
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समस्याओ के देश भारतवर्ष में जो एक बहुत बड़ी समस्या सभी को पीड़ित व आतंकित किए हुए है, वह है बेकारी की समस्या | भारत में यह समस्या द्वितीय महायुद्ध के समाप्त होते – होते बढने लगी थी और आज यह अपनी चरम सीमा पर विद्दमान है | तथा यह धीरे-धीरे विकराल रूप धारण करती जा रही है | आज देश में शिक्षित बेरोजगारो की संख्या लगभग दस करोड़ है जिसमे लाखो युवक पथ-भ्रष्टता एव अराजकता के शिकार बन गये है | आज जो देश में हिसा, तोड़ – फोड़ , मारधाड़ , धोखाधड़ी आदि कई तरह के आपराध पनप  रहे है उनका कारण है बेकार युवा वर्ग की मानसिकता | कहावत भी है खाली मन – मस्तिष्क शैतान का घर |

हमारे देश में बेकार अंग्रेजो की देन है | अंग्रेजी ने देश के उन छोटे-छोटे उद्दोगो को समाप्त कर दिया जिन्हें प्राचीन काल से भारतीय अपने घरो में चलाकर रोजीरोटी कमा लेते थे | कोई कपड़ा बुनता, कोई चरखा कातता , कोई गुड बनाता तो कोई टोकरी व खिलौने | यह सब उन्होंने अपने देश के व्यापार को बढ़ाने के लिए किया |

बेकारी की समस्या का दूसरा मूल कारण है भारत की बढती जनसंख्या | देश के साधन तथा उत्पादन तो आगे बढ़ते नही वरन उपभोक्तओ की संख्या निरन्तर बढती गई | अंत : प्रत्येक घर में दरिद्रता बढती चली गई | अर्थात परिवार में कमाने वालो की संख्या सीमित होती चली गई |

इसका तीसरा कारण है वर्तमान शिक्षा पद्धति , जो देश में केवल क्लर्को की संख्या को बढ़ाने में सहायक रही | चौथा कारण है सामजिक व धार्मिक परम्पराओ का होना | साधु-सन्यासियों को भिक्षा देने व दान देने के प्रवृत्ति ने भी लोगो को आलसी बना दिया है | ह्रष्ट-पुष्ट शरीर वाले लोग भी भिक्षावृति पर उत्तर आटे है | वर्णव्यवस्था के कारण भी बेरोजागारी को बढ़ावा मिला है | किसी एक वर्ग का व्यक्ति दुसरे के कार्य को नही अपनाना चाहता , भले ही उसे बेकार ही क्यों ने रहना पड़े |

बेरोजागारी के कारण युवको में फैले आक्रोश तथा असन्तोष ने समाज में अव्यवस्था व अराजकता की स्थिति पैदा कर दी है | यदि इसका शीघ्र ही कोई हल नही ढूंढा गया तो इसके भयंकर परिणाम होने की सम्भावना है आज इस बढ़ते हुए बेकारी के रोग को समूल उखाड़ फेकने के लिए हमे अनेक उपाय करने होगे | सर्वप्रथम तो जनसंख्या की वृद्धि को रोकना होगा | दूसरा हमे अपनी शिक्षा पद्धति में परिवर्तन करना होगा | वह तकनीकी व व्यावहारिक होनी चाहिए | तीसरा घरेलू व लघु उद्दोगो को बढ़ावा देना होगा | चौथा हमे अपनी धार्मिक मान्यताओं में परिवर्तन लाना होगा |

भारत की सरकार ने इस समस्या के हल के लिए काफी ठोस कदम उठाए है | जैसे (i) स्नातक बेरोजगारों को सस्ते डॉ पर रुपया उधार देना (ii) 20-सूत्री कार्यक्रम की स्थापना करना तथा (iii) बड़े-बड़े उद्दोगो की स्थापना करना आदि 



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Answered by Priatouri
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बेरोजगारी उन्नति के रास्ते में सबसे बड़ी समस्या है I बेरोजगारी का अर्थ है जो लोग काम करना चाहते हैं और काम करने की इच्छा रखते हैं उन्हें नौकरी या काम न मिलना I ऐसे लोगो को बेरोजगार कहते हैं I जनसंख्या में वृद्धि, आर्थिक विकास और सरकार की नीतियां आदि कई ऐसे कारक हैं जो बेरोजगारी को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं I भारत में बेरोजगारी की समस्या इतनी बढ़ गयी हैं की आज की युवा पीढ़ी आत्महत्या करने पर मजबूर हो रही हैं आज भारत में कई ऐसे पढ़े लिखे लोग हैं जो बहुत काम आय पर नौकरी कर रहे हैं I

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