Social Sciences, asked by Abhishekpandey2522, 1 year ago

‘बेरोजगारी’ की विस्तृत विवेचना कीजिए।

Answers

Answered by situlsahoo1977
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Answer:

it quite a few days, so I can see the first time in the computer step by step explanation of the following link to the first

Answered by shishir303
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बेरोजगारी —

बेरोजगारी से तात्पर्य व्यक्ति का रोजगार-विहीन होना है। जब कोई व्यक्ति किसी कार्य करने के योग्य है और इच्छुक भी हैं और फिर भी उसे रोजगार प्राप्त ना हो तो इस अवस्था को बेरोजगारी कहते हैं।

Explanation:

यदि व्यक्ति किसी उत्पादकीय क्रिया में लाभकारी तत्व के तौर पर कार्यरत नहीं है, तो वह बेरोजगार माना जाता है। किसी भी देश में जब तक हर व्यक्ति विशेषकर युवा शक्ति को उचित रोजगार न मिले, तब तक उस देश का विकास तीव्र गति से संभव नहीं है। रोजगार से तात्पर्य व्यक्ति स्वयं के द्वारा कार्य करके स्वयं के लिए धन अर्जित करता है और समाज और देश के विकास में अपना योगदान देता है। निरंतर कार्य करते रहने के कारण उसे कार्यानुभव होता है और उसके कार्य कौशल में भी वृद्धि होती है।

बेरोजगार व्यक्ति इन सब बातों से वंचित रह जाता है। उसके पास धन का अभाव होता है। वह अपने कार्य कौशल को भी नहीं बढ़ा पाता। इस कारण से मानसिक तनाव भी होता है। यह सब बातें उसको असामाजिक और अकुशल बनाने के लिए विवश कर देती है। इसका परिणाम देश के विकास पर नकारात्मक पढ़ता है और देश को इस संबंध में हानि उठानी पड़ती है, क्योंकि रोजगारविहीन व्यक्ति असामाजिक या अपराधी बन सकता है। अतः किसी भी देश में उसके निवासी खासकर युवा शक्ति का रोजगारयुक्त होना अति आवश्यक है।

देश में सब को समुचित रोजगार मिले इसके लिए आवश्यक है, सरकार सही रोजगार परक नीतियां बनाए, जनसंख्या पर नियंत्रण रखें तथा संसाधनों का सही रूप से नियोजन करें, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार आवश्यकतानुसार रोजगार प्राप्त हो।

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