बुरे काम का बुरा नतीजा इसपर स्वमत लीखीए
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बुरे काम का बुरा नतीजा होता :
बुरे काम नतीजा हमेशा बुरा ही होता है | बुरा काम करने से जीवन में कभी सफलता और खुशियाँ नहीं मिलती है |
व्याख्या :
बुरा काम करने से हमारा जीवन खराब हो जाता है | समाज में हमारी कोई इज्ज़त नहीं करता है | बुरे काम करने वालों को सब बुरी नजरों से देखते है कोई उनकी मदद नहीं करता है | जीवन में हमें अच्छे काम करने चाहिए | अपना जीवन ईमानदारी के साथ व्यतीत करना चाहिए | बुरे काम का फल हमें हमेशा बुरा मिलता है |
Answer:
एक शहर में लल्लू राम नाम का एक आदमी रहता था। वह खाने पीने का शौकीन था। दिन भर में वह बहुत सी चीजें खाया करता। जो कुछ भी वह खाता उसका छिलका या पेपर या पॉलिथीन सबको सड़क में यूं ही फेंक देता। वह इस बात का ध्यान नहीं रखता था कि उसके ऐसा करने से आसपास का इलाका गंदा होता है और छिलकों से कोई भी फिसल कर गिर सकता है।
एक दिन लल्लू राम को ऐसा करता देख एक छोटे बच्चे ने उसे रास्ते में रोका और उससे कहा, “अरे अंकल! आप यह केले के छिलकों को ऐसे क्यों फेंक रहे हैं? सड़क पर इससे कोई फिसल कर गिर जाएगा और और इससे हमारा आसपास का जगह गंदा भी तो होता है। हमे कूड़ा कचरा डस्टबिन में डालना चाहिए। क्या आपके स्कूल में यह सब नहीं सिखाया गया?”
लल्लू राम ने उस बच्चे पर ध्यान नहीं दिया बल्कि उल्टा उसके साथ मजाक कर कहने लगा, “नहीं बच्चे मैं तो कभी स्कूल ही नहीं गया। हा हा हा हा हा हा हा।”
लल्लूराम हंस-हंसकर वहां से चला गया। लेकिन जब वह शाम को अपने घर की ओर वापस लौट रहा था तब वही बच्चा पास में अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। लल्लूराम उस बच्चे को देख रहा था। उसे देखकर लल्लूराम मुस्कुरा रहा था कि तभी अचानक उसका पैर उस केले के छिलके पर पड़ा जिसे उसने सुबह फेका था। केले के छिलके पर पैर पढ़ते ही वह फिसल कर जोर से गिरा। उसको देख आसपास के सारे बच्चे उस पर हंसने लगे।
फिर से वह बच्चा उसके पास वापस आया और उससे कहा, “क्यों अंकल मैंने कहा था ना कि कूड़ा कचरा यहाँ वहाँ नहीं फेंकना चाहिए।”
सिख :- बुरे काम का बुरा नातिजा