'बैर क्रोध का आचार या मुरब्बा है।
प्र21 निम्नलिखित गद्याश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
(क) धर्म की इस बुद्धिहीन दृढता और देव दुर्लभ त्याग पर मन बहुत झुंझलाया।
अब दोनों शक्तियों में संग्राम होने लगा। धन ने उछल उछलकर आक्रमण
करने शुरू किए। एक से पांच पांच से दस, दस से पन्द्रह और पन्द्रह से बीस
हजार तक नौबत पहुँची, किंतु धर्म अलौकिक वीरता के साथ इस बहुसंख्यक
सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भाँति अटल अविचलित खड़ा था।
अथवा
से सहानी
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