Physics, asked by addhananjayprasad, 6 months ago

बोर के स्थाई कक्षा से आप क्या समझते हैं​

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Answered by franktheruler
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इलेक्ट्रॉन्स बिना ऊर्जा उत्सर्जित किए केवल कुछ कक्षाओं में परिक्रमा कर सकते है, इन्हे बोर की स्थाई कक्षाएं कहा जाता है

  • इन कक्षाओं में चक्कर काटते हुए इलेक्ट्रॉन न तो ऊर्जा उत्सर्जित करता है तथा न ही ऊर्जा का अवशोषण करता है, इसलिए इन कक्षाओं को स्थाई कक्षा कहते है।
  • नील्स बोर ने सन् 1913 ई० में रदरफर्ड के परमाणु-मॉडल में प्लांक के क्वांटम सिद्धांत को लगाया व हाइड्रोजन-परमाणु के स्पेक्ट्रम की सफल व्याख्या की। बोर ने परमाणु का नया मॉडल दिया , इस मॉडल को बोर का परमाणु मॉडल कहा जाता है।
  • इस मॉडल के अनुसार नाभिक के चारो ओर इलेक्ट्रॉन वृत्तीय कक्षाओं में घूमता रहता है। इलेक्ट्रॉन द्वारा किसी भी प्रकार का विकिरण न होने के कारण इन कक्षाओं को स्थाई कक्षाएं कहा गया।

#SPJ2

Answered by syed2020ashaels
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1913 में, नील्स बोहर ने प्लैंक के क्वांटम सिद्धांत को रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में लागू करके: हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम को सफलतापूर्वक समझाया और परमाणु का एक नया मॉडल दिया। इस मॉडल को बोहर का स्थाई कक्षा कहा जाता है।

इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर गोलाकार कक्षाओं में घूमता है। इन कक्षाओं में घूमने वाले इलेक्ट्रॉन विकिरण उत्पन्न नहीं करते हैं। इन कक्षाओं को स्थायी कक्षक कहा जाता है।

इन कक्षकों में परिक्रमण करते समय इलेक्ट्रॉन न तो ऊर्जा का उत्सर्जन करता है और न ही ऊर्जा का अवशोषण करता है, इसलिए इन कक्षाओं को स्थिर कक्षाएँ कहते हैं।

1913 में, नील्स बोहर ने प्लैंक के क्वांटम सिद्धांत को रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल पर लागू किया और हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम की सफलतापूर्वक व्याख्या की। बोर ने परमाणु का एक नया मॉडल दिया, इस मॉडल को बोहर का परमाणु मॉडल कहा जाता है।

इस मॉडल के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार कक्षाओं में घूमते हैं। इन कक्षाओं को स्थिर कक्षा कहा जाता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन द्वारा किसी भी प्रकार का विकिरण नहीं होता है।

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