Hindi, asked by hardeepsinghm4, 9 months ago

बुरी संगत कहानी इन हिंदी​

Answers

Answered by asrawat1996
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Answer:

एक बार सागर तट पर गरुड़ भगवान के आने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही सभी पक्षी सागर तट पर इकटठे होने लगे. हर एक के मन में यही इच्छा थी किसी प्रकार वे भगवान गरुड़ के दर्शन कर ले. इसी भीड़ में दो मित्र भी दिखाई पड़ रहे थे. एक कौआ था और दूसरा बटेर. ये दोनी भी भगवान गरुड़ के दर्शनों के लिए बड़ी दूर से चल कर आये थे.

        चतुर कौआ

जिस मार्ग से वे दोनों आ रहे थे उसी राह पर जाता हुआ उन्हें एक ग्वाला भी मिला जो सिर पर दही का मटका रखे हुए था. कौए की दृष्टि तो खाने के मामले में बड़ी तेज होती है. बस उसने दूर से ही उस दही के मटके को भी देख लिया. दही देखकर उसके मुँह में पानी आ गया. तत्काल कौआ उड़ता हुआ नीचे उतरा और मटके पर बैठकर दही खाने लगा.

वह थोड़ा सा दही अपनी चोंच में भर लेता और उड़ जाता. ऐसा उसने अनेक बार किया. आखिर में ग्वाले को पता चला कि उसके सिर पर रखे मटके में से कोई दही खा रहा है.

कौआ तो अपनी आदत छोड़ नहीं सकता था. फिर जब किसी भूंखे को बढ़िया भोजन मिल रहा हो तो वह कब रुकता है. बेचारे बटेर ने उसे ऐसा करने से रोका भी था, मगर कौआ कहाँ मानने वाला था. उसने तो अपना खाने का क्रम जारी रखा. दूसरी ओर ग्वाला भी जान गया था कि उसका दही कम हो रहा है. इसलिए उसने दही का मटका सिर से उतार कर नीचे जमीन पर रख दिया और ऊपर दृष्टि कर दही चोर को खोजने लगा. ऊपर एक वृक्ष पर कौआ और बटेर दोनों साथ – साथ बैठे थे.

तुम ही हो वे चोर, जिन्होंने मेरा दही खाया है ” , ग्वाला बोला. क्रोध भरे ग्वाले ने पास पड़ा एक बड़ा सा पत्थर उठाकर उसे दे मारा.

कौआ तो चोर था ही. उसे पता था कि ग्वाला क्रोध से भरा हुआ है. वह अवश्य ही चोर को मारेगा. इसलिए उसने उस पत्थर को अपनी ओर आते देखकर झट से उड़ान भरी और वहां से चलता बना. ग्वाले का पत्थर बेचारे निर्दोष बटेर को जा लगा और उसने वही पर दम तोड़ दिया.

Moral Of This Story :

इसलिए कहा गया है की किसी भी बुरे आदमी के साथ न रहो और न ही उसके साथ कही यात्रा पर निकलो. चोर के संग रहोगे, तो चोर ही समझे जाओगे. जुआरी के संग जुआरी व शराबी के संग शराबी ही समझे जाओगे. इसलिए कहा गया है कि बुरी संगती से हमेशा बचना चाहिए. बुरे आदमियों के साथ रहकर कभी कोई अच्छा नहीं बन सकता. यही इस कहानी से शिक्षा प्राप्त होती है.

दोस्तों ! हमें पूरी उम्मीद है की आपको बुरी संगती से बचो हिन्दी प्रेरणादायक कहानी जरुर पसंद आई होगी. अपनी राय अवश्य दे.

Explanation:

Answered by keshavsharma58
7

एक धनी सेठ था। उसका एक ही बेटा था। उसका नाम त्रिशूल था। त्रिशूले एक अच्छा लड़का था। वह कठिन परिश्रम करता था। वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। एक बार वह बुरी संगति में पड़ गया और लापरवाह हो गया। उसने स्कूल से भागना शुरु कर दिया।

उसका पिता बहुत दुःखी हुआ। उसे एक उपाय सूझा वह बाजार से सेब खरीद लाया। उसने साथ ही एक खराब सेब भी खरीद लिया। उसने त्रिशूल से कहा कि ये सब सेब एक टोकरी में रख दे।

पिता ने अगले दिन त्रिशूल को बुलाया और उससे टोकरी लाने को कहा। टोकरी में रखे सभी सेब खराब हो चुके थे, त्रिशूल को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई तभी उसके पिता ने कहा – एक खराब सेबने सभी अच्छे सेबों को भी सड़ादिया, इसी तरह बुरी संगति में व्यक्ति भी बर्बाद हो जाता है। त्रिशूल ने सबक सीखा। उसने अपनी बुरी संगत छोड़ दी और फिर से एक अच्छा लड़का बन गया।

hope it helps you.

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