Hindi, asked by Drishtibajaj18112004, 5 months ago

बुरे समय को देखकर ,गंजे तू क्यों रोए। किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय ।इन पंक्तियों में कौन सा रस है ?

अद्भुत रस
शांत रस
हास्य रस​

Answers

Answered by zafrulhaque13197346
25

Explanation:

हास्य रस

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Answered by munnahal786
1

Answer:

बुरे समय को देखकर ,गंजे तू क्यों रोए। किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय ।इन पंक्तियों में हास्य रस​ रस है I

Explanation:

हास्य रस :

हास्य-रस संस्कृत  साहित्य-शास्त्र में मान्य नौ रसों में परिगणित सर्वाधिक सुखात्मक प्रतीत होने वाला रस जिसकी उत्पत्ति शृंगार रस से मानी गई है और जिसका स्थायी भाव हास है I

जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं। जिह्वा के आस्वाद को लौकिक आनंद की कोटि में रखा गया है क्योंकि उसका सीधा संबंध लौकिक वस्तुओं से है। हृदय के आस्वाद को अलौकिक आनंद की कोटि में माना जाता है क्योंकि उसका सीधा संबंध हृदय से होता है I

बुरे समय को देखकर ,गंजे तू क्यों रोए। किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय ।इन पंक्तियों में हास्य रस​ रस है I

'बुरे समय को देखकर, गंजे तू क्‍यों रोय, किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय'- पंक्ति में हास्य रस है। किसी वस्तु या व्यक्ति का विचित्र (असंगत) आकार अजीव ढंग की वेशभूषा, बातचीत और ऊटपटांग आभूषणों आदि को देखकर हृदय में जो विनोदपूर्ण भाव उत्पन्न हो जाता है, उसे हास कहते हैं।

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