बारिश के समय होने वाली समस्याओं के विषय में लिखिए
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●सर्दी-जुकाम, बुखार-शरीर में नमी रहने के कारण सर्दी-खांसी के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं जिससे सर्दी-जुकाम, बुखार और ●खांसी जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
●आंखों में संक्रमण-आंखों का लाल होना, कीचड़, सूजन, पलकों के चिपकने की समस्या बढ़ी है।
●खुजली और दाने-फंगस- दाद, खाज, खुजली और लाल रंग के दाने लोगों को परेशान कर रहे हैं। यह समस्या परिवार के एक सदस्य से दूसरे को तेजी से फैल रही है।
●मलेरिया,डेंगू और चिकनगुनिया-बारिश में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से मच्छर पनपते हैं।
●टाइफाइड, हैजा-संक्रमित जल और भोजन से होने वाले इस रोग में तेज बुखार आता है जो कई दिनों तक बना रहता है। ठीक होने के बाद भी इस बीमारी से होने वाला संक्रमण रोगी के पित्ताशय में जारी रहता है जिससे जीवन का खतरा बना रहता है।
●पीलिया-दूषित पानी पीने से और कच्ची सब्जियां खाने आदि से यह बीमारी फैलती है। पेट में सूजन आना, भूख कम लगना, उल्टी या कब्ज की समस्या, सिरदर्द और थकावट इसके प्रमुख लक्षण हैं।
●डायरिया - बरसात के मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं। यह खास तौर से बरसात में प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होता है।
बारिश जहां सारी धरा को खूबसूरत बनाती है वहीं कई बीमारियों को आमंत्रित भी करती है। इन्हीं दिनों मच्छर का प्रकोप बढ़ता है और लोग मलेरिया के शिकार हो जाते हैं। यदि मच्छरजनित इस बीमारी से बचना हो तो सावधानी और घरेलू उपाय करें। मसलन इन्हें घर के आसपास पनपने न दें। इसके लिए कुछ बातों पर जरूर गौर करें।
1 घर के चारों ओर पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।
2 अगर पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें।
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