Social Sciences, asked by ramkishangupta24, 7 months ago

ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग से कैसे चल रहा था? जनता ने ब्रिटिश शासन के प्रति असहयोग कैसे दिखाया?

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Answered by shishir303
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ब्रिटिश भारत में भारतीयों के सहयोग से ही अंग्रेजों का शासन चलता था, क्योंकि अंग्रेजों ने अनेक तरह की सरकारी नौकरियों में भारतीयों को बड़े-बड़े ऐसे पदों पर बिठा रखा था। ऐसे बहुत से ऐसे सरकारी विभाग थे, जिसमें भारतीय ही अंग्रेजों के प्रतिनिधि बनकर नौकरियां करते थे। यह महत्पूर्ण विभाग होते थे, जैसे सेना, अदालत, पुलिस, विद्यालय आदि।

ब्रिटिश सरकार अनेक भारतीयों को बड़ी-बड़ी पदवियां देती थी और भारतीयों के पदवियों/उपधियों का लोभ देकर अपने पक्ष में करने का प्रयत्न करती थी। बहुत से भारतीय पदवियों और अन्य सुख-सुविधाओं के लोभ में भी अंग्रेजों के प्रशासन में सहयोग करते थे। इस तरह अंग्रेजों ने भारतीयों के सहयोग से एक ऐसी व्यवस्था कायम कर रखी थी, जिसमें अंग्रेजों ही वर्चस्व था लेकिन वह भारतीयों का पूरा सहयोग ले रहे थे और भारतीयों के सहयोग से भारतीयों पर ही शासन कर रहे थे।

1915 में जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस भारत आए तो उन्होंने देखा कि ब्रिटिश सरकार भारतीयों के सहयोग से ही भारतीयों पर राज कर रही है तो उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि यदि भारतीय अपने यह सहयोग वापस ले लें अर्थात विभिन्न विभागों की नौकरिया छोड़ दें, अंग्रेजों द्वारा दी गई पदवियां/उपाधियां लौटा दें। उनके द्वारा दी गई सुविधाएं आदि का मोह छोड़ दें तो असहयोग की भावना बनेगी और अंग्रेजों की शासन व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो जाएगी। ऐसी स्थिति में ब्रिटिश शासन ढह जाएगा और स्वराज की स्थापना हो जाएगी। महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन की नींव यहीं से पड़ी।

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