बोर द्वारा ऊर्जा परिवर्तन से सम्बन्धित समीकरण लिखिए।
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किसी वस्तु की ऊर्जा, उसके द्रव्य (मास, m) और गति (स्पीड, c) पर निर्भर करती है। द्रव्य के बढ़ने और गति के स्थिर रहने से ऊर्जा (एनर्जी, E) में वृद्धि होती है। आइंस्टीन का यह समीकरण मात्र विज्ञान के स्थूल जगत पर ही प्रभाव नहीं डालता है, बल्कि इसका संबंध रोजमर्रा के जीवन पर भी पड़ता है। E=mc2, उस हर जगह है, जहाँ जोश की गति है और संगठित रहने का द्रव्य है। इस प्रसिद्ध सूत्र के लिए 1922 में आइंस्टीन को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
समय-समय पर इस सूत्र की व्याख्या होती रही है और इसके अनेक अर्थ भी खोजे जाते रहे हैं। ये बदलाव आपको भी कहीं सूचना क्रांति के क्षेत्र में नजर आ सकते हैं तो कहीं नारी सशक्तीकरण की दिशा में दिख सकते हैं। यह भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देने में है तो सूचना क्रांति में भी है। परिवहन के संसाधनों में हुई तरक्की में है तो महिलाओं में संचरित हुए आत्मविश्वास में भी है।
‘किसी वस्तु का जड़त्व उसकी ऊर्जा पर निर्भर करता है।’ आइंस्टीन ने यह सूत्र 1905 में प्रस्तुत किया था और ऊर्जा, द्रव्यमान और गति के आपसी संबंध की व्याख्या की थी। आज लगभग एक शताब्दी बाद दुनिया में अनेक परिवर्तन हो गए हैं।
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