बिरबहूटी किस विधा की रचना है
Answers
Answer:
साहिल की आँखें — बीरबहूटी की तरह लाल
चलती बीरबहूटियाँ — चलती-फिरती खून की प्यारी-प्यारी बूंदें
साहिल के आँसू — बारिश की बूंदें
साहिल की चोट — बीरबहूटी का रंग
Explanation:
बीरबहूटी:
सीन – 1
कस्बे से स्कूल जानेवाले रास्ते के बगल का खेत। सबेरे के नौ बज गए हैं।
(खेतों से भरा इलाका। दूर-दूर तक खेत दिख रहे हैं। लगभग 10-11 साल के दो बच्चे- बेला और साहिल खेत की मिट्टी में कुछ खोज रहे हैं। उनके पीठ पर बस्ता है। वेश से लगता है दोनों स्कूल जा रहे हैं।)
साहिल : बेला, देखो इस बीरबहूटी का रंग तुम्हारे रिबन जैसा लाल है।
बेला : दिखाओ तो। हाँ ठीक है। (स्कूल से घंटी बजने की आवाज़ आती है)
साहिल : (घबराकर) तुमने कुछ सुना बेला? ।
बेला : हाँ, सुना। पहली घंटी लग गई है। चलो देर हो जाएगी।
साहिल : लेकिन मुझे पेन में स्याही भरवानी, दुकान से।
बेला . : तो चलो जल्दी। (खेत की ज़मीन से उठकर दोनों बच्चे स्कूल के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं।)