बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कोइ।
Answers
Answered by
0
Answer:
संदर्भ_ यह पंक्तियां कबीर दास जी की साकी से ली गई है यह साखी अधूरी है... पूरी साखी इस तरह होगी....
बिहार बंगाल तन बरसे मन मंत्र न लगे कोई
प्रसंग_ इस साखी में कबीर दास जी ने ईश्वर के वियोग में मनुष्य की दशा का वर्णन किया है
Similar questions