Hindi, asked by rushatimodak, 3 months ago

बिरह भुवंगम तन बसै , मंत्र न लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै ,जिवै तो बौरा होइ।।

please provide full explanation.
[कबीर के साखी class 10 CBSE]
.
.
.
(spam will be reported :))​

Answers

Answered by shreyanshsharma18724
7

Answer:

कबीर दास जी इस दोहे के माध्यम से कहना चाहते है की :

Explanation:

जब भक्त के में रूपी शरीर में परमात्मा के वियोग का सर्प बस जाता है तो वह किसी भी मंत्र आदि के उपाय से बाहर नहीं निकलता । परमात्मा के वियोग में या तो वह जीवित नहीं रहता और यदि जीवित रहता है तो सुध बुध खो कर पागल हो जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि सच्चे भक्त के लिए ईश्वर का वियोग असहनीय होता है।।।

Similar questions