Hindi, asked by jii, 1 year ago

बिरह भुवंगम तन बसै मन्त्र न लागै कोई। राम बियोगी ना जिवै जिवै तो बौरा होई।।..plzzz explain the meaning of this in easy words... ????

Answers

Answered by jayathakur3939
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प्रशन :- बिरह भुवंगम तन बसै मन्त्र न लागै कोई। राम बियोगी ना जिवै जिवै तो बौरा होई |

उत्तर :- भावार्थ – जिसे प्रभु से विरह हुआ हो, विरह का यह भुजंग (विरह की वेदना) अंतर में डसती ही रहती है, कोई भी मंत्र काम नहीं देता । किसी वस्तु में रस नहीं आता । कोई नहीं लुभाता । सिर्फ वियोग सताता रहता है । प्रभु का वियोगी जीवित नहीं रहता, और जीवित रह भी जाय तो वह पागल हो जाता है ।

इस विरह को कोई दूसरा समझ भी नहीं पाता, इसे या तो प्रभु ही समझ पाते हैं, या विरह में डूबा हुआ उसका चित्त ( मन )।

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