ब्रह्मा कंकाल तथा अंतर कंकाल में अंतर
Answers
Answer:
बाहय कंकाल (Exo-skeleton): शरीर की बाहरी सतह पर पाये जाने वाले कंकाल को बाह्य कंकाल कहा जाता है। बाह्य कंकाल की उत्पत्ति भ्रूणीय एक्टोडर्म (Ectoderm) या मीसोडर्म (Mesoderm) से होती है। त्वचा की उपचर्म या चर्म ही बाह्य ककाल के रूप में रूपान्तरित हो जाती है। बाह्य कंकाल शरीर के आंतरिक अंगों की रक्षा करता है तथा यह मृत होता है। मत्स्यों में शल्क (Scales), कछुओं में ऊपरी कवच, पक्षियों में पिच्छ (Feathers) तथा स्तनधारियों में बाल बाह्य कंकाल होते हैं जो इन प्राणियों को अत्यधिक सर्दी एवं गर्मी से सुरक्षित रखते हैं।
अन्तः कंकाल (Endo-skeleton): शरीर के अंदर पाये जाने वाले ककाल को अन्तः कंकाल कहते हैं। इसकी उत्पत्ति भ्रूणीय मीसोडर्म से होती है। अन्तःकंकाल सभी कशेरुकियों में पाया जाता है। कशेरुकियों में अन्तःकंकाल ही शरीर का मुख्य ढ़ाँचा बनाता है। यह मांसपेशियों (Muscles) से ढंका रहता है।