ब्रह्मा से कुछ लिख भाग्य में मनोज नहीं लाया अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है प्रकृति नहीं डरकर झुकती है किसी भाग के बल से सदा हारती वह मनुष्य के उद्यम से श्रम जल से ब्रह्मा का अभिलेख पढ़ा करते निर्धारित रानी धोते वीर को अंक वालों के वहांझूठों के पानी भाग्य बाद आवरण बाप का और शास्त्र शोषण का जिससे रखता दवा एक जन भाग दूसरा जन का प्रकृति मनुष्य के आगे कब झुकती है पहला बाहुबल से दूसरा परिश्रम से तीसरा भाग चौथा स्वयं से मनुष्य में सुख कैसे पाया पहला बाहुबली दूसरा भाग्य से तीसरा दूसरों को दबाकर चौथा उपरोक्त सभी भाग्य को लेख कैसे लोग कैसे पढ़ते हैं शेष पहला शोषण करने वाले दूसरा परिश्रम करने वाले तीसरा परिश्रम से जी चुराने वाले चौथा पसीना बहाने वाले घर पाप का आवरण एवं शोषण का शास्त्र किसे कहा गया है पहला बाहुबल को दूसरा परिश्रम को चौथा शोषण करने वालों को
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what we have to tell ???????????
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उपर्युक्त सभी is the right answer.
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