ब्रह्मचर्य आश्रम जीवनरूपी भवन की नींव के समान है। स्पष्ट कीजिए।
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O ब्रह्मचर्य आश्रम जीवनरूपी भवन की नींव के समान है। स्पष्ट कीजिए।
► ब्रह्मचर्य आश्रम जीवन रूपी भवन की नींव के समान है, क्योंकि यह मनुष्य के भावी जीवन की आधारशिला रखता है। मानव के जीवन में जन्म से लेकर उसकी 25 वर्ष की आयु तक के समय को ब्रह्मचर्य काल माना जाता है। ब्रह्मचर्य काल मनुष्य की शिक्षा प्राप्ति की काल होता है, इस अवधिन में मनुष्य ज्ञान प्राप्ति करता है और अपना जीवन सादगी और संयम यानि ब्रह्मचर्य के समान बताता है।
ब्रह्मचर्य का काल मनुष्य के भावी जीवन की आधारशिला की तैयारी के लिए एक रूपरेखा तैयार करता है। यह समय जीवन रूपी भवन की नींव के समान होता है। विद्यार्थी जो इस काल में जो कुछ भी सीखता है, जो कुछ भी ज्ञान प्राप्त करता है। वही ज्ञान उसके पूरे जीवन भर उसके काम आता है। ब्रह्मचर्य का जीवन ही शिक्षा प्राप्त करने का समय होता है और शिक्षा ही मनुष्य के अंदर गुणों को विकसित करती है। गुणों से ही मनुष्य के जीवन में चरित्र निर्माण होता है।ब्रह्मचर्य जीवन में विद्यार्थियों को हमेशा कुछ बातें याद रखना आवश्यक हैं, जैसे कठोर परिश्रम करना, समय का मूल्य समझना, माता-पिता, गुरुजनों और बड़ों का सम्मान करना, विद्यार्थी जीवन ब्रह्मचर्य यानि सादगी और संयम तथा अनुशासित होकर जीना आदि।
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Answer:
ब्रह्मचर्य आश्रम जीवन रूपी भवन की नींव के समान है, क्योंकि यह मनुष्य के भावी जीवन की आधारशिला रखता है।
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