ब्रह्मचर्य है कोई कि सभी कलयुगी राक्षस है बताओ मुंह क्यों बन्द है
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Answer:
Sikkim, state of India, located in the northeastern part of the country, in the eastern Himalayas. It is one of the smallest states in India. Sikkim is bordered by the Tibet Autonomous Region of China to the north and northeast, by Bhutan to the southeast, by the Indian state of West Bengal to the south, and by Nepal to the west. The capital is Gangtok, in the southeastern part of the state.
Gangtok, Sikkim, India: market
Explanation:
Sikkim, state of India, located in the northeastern part of the country, in the eastern Himalayas. It is one of the smallest states in India. Sikkim is bordered by the Tibet Autonomous Region of China to the north and northeast, by Bhutan to the southeast, by the Indian state of West Bengal to the south, and by Nepal to the west. The capital is Gangtok, in the southeastern part of the state.
Gangtok, Sikkim, India: marketuyroaqihlyarigd,bmczjfhrydyuafhzk
Explanation:
ज्योतिष और पौराणिक ग्रंथों में युग का मान अलग-अलग है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चार युग होते हैं। सत, त्रेता, द्वापर और कलि। कहते हैं कि कलियुग में पाप अपने चरम पर होगा। वर्तमान में कलिकाल अर्थात कलयुग चल रहा है। ग्रंथों में इस युग में क्या-क्या होगा या घटेगा यह लिखा गया है। यह भी है कि इस युग में जब कहीं भी प्रलय होगा तो सिर्फ हरि कीर्तन ही उसे बचाएगा। आओ जानते हैं कि कलियुग के संबंध में ग्रंथों में क्या लिखा है।
1. सतयुग- सतयुग में प्रतिकात्मक तौर पर धर्म के चार पैर थे। सतयुग में मनुष्य की लंबाई 32 फिट अर्थात लगभग 21 हाथ बतायी गई है। इस युग में पाप की मात्र 0 विश्वा अर्थात् 0% होती है। पुण्य की मात्रा 20 विश्वा अर्थात् 100% होती है। राजा हरिशचंद्र हुए थे। हरिश्चंद ने सत्य के लिए खुद के परिवार और अंत में खुद का बलिदान भी दे दिया था।
2. त्रेतायुग- त्रेतायुग में धर्म के तीन पैर थे। इस युग में मनुष्य की लंबाई 21 फिट अर्थात लगभग 14 हाथ बतायी गई है। इस युग में पाप की मात्रा 5 विश्वा अर्थात् 25% होती है और पुण्य की मात्रा 15 विश्वा अर्थात् 75% होती है। इस युग में विष्णु का वामन और राम अवतार हुआ था। असुर राज बाली ने तीन पग में धरती दान कर दी, जबकि राक्षस राज रावण से सीता का अपहरण करने के बाद उन्हें छूआ तक नहीं।